भोपाल। पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यार्थियों ने शिक्षक दिवस के दूसरे दिन 6 सितंबर को राजधानी के नीलम पार्क में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कर पिछले 4 वर्षों से लंबित शिक्षक भर्ती 2018 को पदवृद्धि व द्वितीय काउंसलिंग कराते हुए न्याय संगत पद वितरण के साथ पूर्ण कराने की मांग की। धरने में एक नन्हे बच्चे ने भी सहभागिता की बच्चे ने अपनी मां को नियुक्ति दिलाने के लिए जमकर नारेबाजी की।
प्रदर्शन कर रहे रंजीत गौर, रक्षा जैन, संदीपा शुक्ला सहित अन्य अभ्यर्थियों ने बतलाया कि स्थाई शिक्षक भर्ती पिछले 4 वर्षों से लंबित है। अतः सरकार को द्वितीय काउंसलिंग कराते हुए शिक्षक भर्ती शीघ्र अति शीघ्र पूर्ण करना चाहिए। इससे पूर्व भी कई बार पात्र अभ्यर्थियों द्वारा समय-समय पर धरना प्रदर्शन किए जा चुके हैं।
प्रदेश सरकार द्वारा पिछले वर्ष 24,200 एवं इस वर्ष 13,000 शिक्षकों की भर्ती के लिए बजट भी पारित हो चुका है परंतु अभी तक नाम मात्र की नियुक्तियां हुई हैं जबकि 2018 में स्वयं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 50 प्रतिशत महिला आरक्षण के साथ 62,000 स्थाई शिक्षक भर्ती की घोषणा की थी।
पुलिस प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम ज्ञापन पत्र सौंपते हुए पात्र अभ्यर्थियों ने अपना धरना प्रदर्शन समाप्त किया।
ज्ञात हो कि स्कूल शिक्षा और जनजातीय विभाग द्वारा एक साथ स्थाई शिक्षक भर्ती की जा रही है जिसमें दोनों विभागों की चयन सूचियों में कई अभ्यर्थियों के नामों की पुनरावृति भी देखने को मिल रही हैं जिनमें सुधार के लिए भी पात्र अभ्यर्थियों ने मांग की है जिससे कि अन्य शेष अभ्यर्थियों को शिक्षक बनने का अवसर प्राप्त हो सके।
पात्र अभ्यर्थियों ने यह भी आरोप लगाया कि सीएम शिवराज जी पूर्व से ही चयनित शिक्षकों को बार-बार नियुक्ति पत्र प्रदान कर रहे वहीं शेष पात्र अभ्यार्थी जो अपने लिए नियुक्ति पत्र की मांग कर रहे हैं उनको धरना प्रदर्शन करने के लिए मजबूर कर रहे हैं।
धरना प्रदर्शन के बाद पात्र अभ्यर्थियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय के नाम भी ज्ञापन पत्र सौंपा जिसमें प्रमुख रूप से मांग की गई कि शैक्षणिक सत्र 2019-20 के बाद के अभ्यर्थियों को 2018 की शिक्षक भर्ती में सम्मिलित ना कर आगामी 2023 -24 की परीक्षा में सम्मिलित किया जाए।