नवरात्रि पर घटस्थापना, पूजन सामग्री,माता के श्रृंगार और नौ नेवैद्य की लिस्ट के बाद बारी आती है हमारी अपनी पेट पूजा की तैयारी की यानी की उपवास में बनाए और खाये जाने वाले फलाहार की तैयारी की लिस्ट। जिसे यदि आप पहले से तैयार करके रख लेंगे तो लास्ट मिनट में होने वाली भागमभाग से बचा जा सकता है।
कोशिश करें कि माता को अर्पित करने वाले नौ नेवैद्य से संबंधित फलाहार भी आप उसी दिन करें जिससे कि आपको भोग और फलाहार दोनों ही बनाने में आसानी होगी। तो चलिए आज फलाहार के लिए उपयोगी सामानों की लिस्ट बनाकर तैयार करते है जो कि नो दिनों में नौ नेवैद्य बनाने के साथ -साथ आपके फलाहार में भी काम आएँगे।
- गाय का शुद्ध देसी घी
- पंचामृत की सामग्री
- गाय का दूध
- दही
- शहद
- गुड
- नारियल
- चने
- केले एवं अन्य मौसमी फल
- मूंगफली दाने
- मखाने
- ड्राई फ्रूट्स
- साबूदाना
- मोरधन के चावल
- राजगिरे का आटा
- सिंघाड़े का आटा
- नारियल
- आलू
- कद्दू
- लौकी
- शकरकंद आदि।
और इसके अतिरिक्त वह जो परंपरानुसार आपके घर में उपयोग किया जाता हो।
आप चाहें तो इन सामानों को पहले से तैयार करके(रेडी टू यूज़) रख सकते हैं। जैसे की सेंकने वाले सामानों को पहले से सेंक कर रख सकते हैं। कई प्रकार की फलाहारी चटनियाँ और स्नेक्स पहले से बनवाकर रख सकते हैं जिससे कि। ऐन टाइम पर होने वाली भागदौड़ से बचा जा सके।
नवरात्रि के पहले दिन का फलाहार
1.नवरात्रि के प्रथम दिन माँ शैलपुत्री को गाय के घी से बनी मिठाई का भोग लगाया जाता है तो आप भी कोशिश करें कि इस दिन गाय के घी का ही उपयोग करें। आप चाहें तो गाय के ही घी में फलाहार में उपयोग में लाए जाने वाले मूंगफली, मखाने, अन्य ड्राइ फ्रूट्स, राजगीरा या सिंघाड़े के आटे को सेंक कर पहले से रख सकते हैं। जिससे कि लास्ट मिनट में आज क्या बनाये सोचने का टाइम ओर बनाने का टाइम भी बचेगा।उपवास में गाय के घी का उपयोग करने से आपको दो फायदे होंगे एक तो माँ शैलपुत्री प्रसन्न होंगी और दूसरा आपकी सेहत भी दुरुस्त रहेगी। क्योंकि गाय का घी सुपाच्य होने के साथ साथ और भी कई सारे औषधीय गुणों से भरपूर होता है।
नवरात्रि के दूसरे दिन का फलाहार
2. नवरात्रि के दूसरे दिन माँ ब्रह्मचारिणी को पंचामृत का भोग लगाया जाता है। तो आप भी कोशिश करें कि इस दिन दूध, दही। से निर्मित फलाहार करें। इससे आप चाहे तो। उपवास में खाई जाने वाली। मखाने, साबूदाने, ड्राइफ्रूट्स किसी भी प्रकार की खीर बना सकते हैं और साथ ही। दही का उपयोग करते हुए फलहारी आटे के अप्पे, इडली,डोसा आदि बना सकते हैं।माँ ब्रह्मचारिणी को पंचामृत का भोग लगाने से माँ भी प्रसन्न होंगी और आपके तन और मन को भी मजबूती मिलेगी। इसके साथ ही फलाहार में दूध और दही का सेवन करने से आपके शरीर में चुस्ती और स्फूर्ति रहेगी।