ग्वालियर। मध्य प्रदेश ग्वालियर ग्वालियर में स्थित राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय में भर्ती घोटाले के बाद नया हड़कंप मचा हुआ है दरअसल RVSKVV से 5 कॉलेज संबद्ध हैं। इन काॅलेजों में बीएससी कृषि पहले सेमेस्टर में लगभग 75 फीसदी विद्यार्थी फेल हो गए हैं। फेल होने वाले छात्र छात्र गणित संकाय के हैं। बॉयो व अंग्रेजी में भी कई छात्र फेल हो गए हैं।कृषि विवि से संबद्ध कृषि कॉलेज ग्वालियर, खंडवा, इंदौर, सीहोर व मंदसौर कॉलेज है जिनमें 327 छात्र बीएससी पहले सेमेस्टर की परीक्षा में शामिल हुए थे। इनमें 69 छात्र पास हुए हैं, जबकि 258 फेल हो गए हैं।
छात्रों की मांग पर कृषि विवि प्रशासन ने एक जांच कमेटी गठित की है। साथ ही एक सप्ताह में बाहर से विषय के एक्सपर्ट बुलाए जाएंगे। ये एक्सपर्ट जांच कमेटी के सदस्यों के सामने कॉपियों की रेंडम जांच करेंगे। यदि जांच में कॉपियों का मूल्यांकन सही करना नहीं पाया गया, तो फिर पूरी कॉपियां जांची जाएंगी। साथ ही गलत मूल्यांकन किए जाने की बात साबित हुई, तो दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।
नियम के तहत 6 माह का एक सेमेस्टर होता है, लेकिन 3 माह में ही परीक्षा करा दी गई। इसी के चलते विद्यार्थियों का रिजल्ट गड़बड़ा गया। ऐसे छात्र, जो पांच विषय से ज्यादा में फेल हुए हैं। उनके ईयर बैक लग गई है। ऐसे विद्यार्थी अब अगले सेमेस्टर में प्रमोट नहीं हो पाएंगे। दरअसल, बीएससी कृषि पहले सेमेस्टर में पिछले साल प्रवेश अप्रैल तक हुए थे। छात्रों का कहना था कि उन्हें केवल तीन माह पढ़ने का मौका मिला, जबकि जुलाई में परीक्षाएं आयोजित करा दी गईं। जिसका खामियाजा उन्हें खराब रिजल्ट के साथ भुगतना पड़ रहा है।
RVSKVV के प्रभारी कुलपति व डीन डॉ. दीपक हरि रानडे ने बताया कि
नियम के तहत यदि एक विषय में 50 फीसदी से ज्यादा विद्यार्थी फेल होते हैं, तो ऐसे मामले में कमेटी का गठन कर कॉपियों की रेंडम जांच कराई जाती है। इसके लिए कमेटी का गठन कर दिया गया है। अब एक्सपर्ट को बुलाकर कमेटी के सामने कॉपियों की रेंडम जांच कराई जाएगी। मूल्यांकन में गड़बड़ी मिली, तो जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई होगी।