यदि आप Low investment high profit वाला स्मॉल स्केल बिजनेस सर्च कर रहे हैं तो फिर आप की तलाश यहां खत्म हो सकती है। सभी जानते हैं कि रेस्टोरेंट्स के बिजनेस में काफी मुनाफा होता है लेकिन उसके किचन का खर्चा इतना ज्यादा होता है कि सारा प्रॉफिट उसमें गायब हो जाता है।
आज अपन बिना किचन वाले शहर के सबसे फेमस रेस्टोरेंट को स्टार्ट करने की प्लानिंग पर डिस्कस करेंगे। रेस्टोरेंट के बिजनेस की सबसे बड़ी प्रॉब्लम यह है कि एक निर्धारित समय के बाद बचा हुआ खाना डस्टबिन में डालना पड़ता है। शहर के हर बड़े रेस्टोरेंट में पुराने आंकड़ों और संभावनाओं के आधार पर खाने की तैयारी की जाती है। हर प्रतिष्ठित रेस्टोरेंट थोड़ा ज्यादा खाना बनाता है ताकि कोई भी मेहमान भूखा वापस न जाए। इसके कारण नुकसान यह होता है कि कुछ खाना बचा रह जाता है। वह खराब नहीं होता लेकिन उसे फेंकना पड़ता है, क्योंकि वह रेडी टू कुक होता है, रेडी टू ईट नहीं होता।
लोगों के खाना खाने का एक समय होता है। उसके बाद रेस्टोरेंट में भीड़ कम हो जाती है। आपके बिजनेस का सारा खेल टाइमिंग और मार्केटिंग पर डिपेंड करता है। सभी बड़े रेस्टोरेंट्स से टाई अप करना है। उनसे उनका आधा पका हुआ खाना, जिसके बिकने की संभावना खत्म हो रही है। उसे कलेक्ट करके लाना है। आपका रेस्टोरेंट रेलवे स्टेशन, बस स्टॉप या फिर किसी ऐसे पब्लिक प्लेस पर होना चाहिए जहां पर पैसा बचाने वाले लोगों की संख्या ज्यादा हो।
अब हर रोज आपको अपने रेस्टोरेंट के बाहर बड़े से इलेक्ट्रॉनिक बोर्ड पर डिस्प्ले करना है। शहर के सबसे प्रसिद्ध नीलकमल रेस्टोरेंट का ₹550 वाला शाही पनीर ₹150 में। अब आपके माइंड में सब कुछ क्लियर हो गया होगा। जो लोग बजट के कारण शहर के लग्जरी रेस्टोरेंट में खाना खाने नहीं जा सकते। वह आपके यहां आएंगे। जिन लोगों को रोज कुछ नया खाने की इच्छा होती है। वह आपके यहां आएंगे, क्योंकि आपका मीनू डेली चेंज होगा।
रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर डिनर के टाइम शुरुआत में आपके पास कुछ नहीं होगा लेकिन आधे घंटे बाद यात्रियों की भीड़ आपके यहां लगी होगी क्योंकि आपके यहां मिलने वाला खाना क्वालिटी में सबसे अच्छा होगा और कीमत में सबसे कम। यह एक प्रकार की स्टॉक क्लीयरेंस सेल है। जिसमें हमेशा दुकानदार और ग्राहक दोनों का फायदा होता है।