उज्जैन। मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर में स्थित विक्रम विश्वविद्यालय के कार्यपरिषद सदस्य द्वारा महिला उप कुलसचिव से की गई अभद्रता के मामले में गुरूवार को म.प्र. राज्य विश्वविद्यालय सेवा अधिकारी संघ भी मैदान में आ गया है। संघ की विक्रम विश्वविद्यालय इकाई के अध्यक्ष के साथ अधिकारियों ने कुलपति को पत्र देकर कार्यवाही की मांग उठाई है। वहीं घटना क्रम की जानकारी राज्य इकाई को भी दी है।
म.प्र. राज्य विश्वविद्यालय सेवा अधिकारी संघ की विक्रम विश्वविद्यालय इकाई के अध्यक्ष उप कुलसचिव डॉ. डीके बग्गा के साथ अधिकारियों ने कुलपति प्रो.अखिलेश कुमार पांडे को पत्र सौंपा है। पत्र में कहा गया है कि उपकुलसचिव सुषमा सैयाम द्वारा अवगत कराया गया कि 10 सितंबर को आयोजित विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद की बैठक में उन्हें आदेशित कर बैठक कक्ष में बुलाया गया एवं बैठक में सैयाम के साथ अभद्रता पूर्ण व्यवहार किया गया। कार्यपरिषद की बैठक में समस्त अधिकारी एवं सदस्यों की उपस्थिति में हुए इस कृत्य से सुषमा सैयाम को मानसिक आघात एवं आत्म सम्मान को अत्यधिक पीड़ा पहुंची है।
मध्यप्रदेश राज्य विश्वविद्यालय सेवा की वरिष्ठ उपकुलसचिव सुषमा सैयाम के साथ हुई अभद्रता, दुर्व्यवहार अत्यंत दुखद है। इस प्रकार की घटना से राज्य विश्वविद्यालय अधिकारियों का मनोबल गिरा है। अधिकारी संघ यह मांग करता है कि इस घटना को अत्यंत गंभीरता से लेकर उचित कार्यवाही करते हुए सैयाम को त्वरित न्याय प्रदान किया जाए एवं उनके सम्मान की रक्षा की जाए। म.प्र. राज्य विश्वविद्यालय सेवा के अधिकारियों के साथ इस प्रकार की किसी भी घटना की पुनरावृत्ति न हो यह सुनिश्चित किया जाए। पत्र की प्रतिलिपि संघ की राज्य इकाई को भी भेजी गई है।
नोटिस से बचने आदिवासी महिला होने का मुद्दा बनाया
सचिन दवे ने इस मामले में गुरूवार को बताया कि वकीलों की नियुक्ति के 8 माह से पत्र नहीं देने पर काम में लापरवाही एवं कार्यपरिषद के निर्णय की अवहेलना करने पर स्पष्टीकरण मांगने पर उप कुलसचिव सुषमा सैयाम ने आदिवासी महिला का मुद्दा बनाया है। उन्हें कर्मचारी होने के नाते रजिस्ट्रार ने कार्य परिषद के समक्ष अपनी बात रखने के लिए बुलाया था।