भोपाल। सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय और विधि विभाग मंत्रालय के अधिकारियों ने संयुक्त रूप से मध्य प्रदेश पदोन्नति नियम 2022 का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश पदोन्नति नियम 2002, हाई कोर्ट द्वारा प्रमोशन में आरक्षण का प्रावधान होने के कारण निरस्त कर दिया गया था। तभी से मध्य प्रदेश में प्रमोशन रुके हुए हैं।
मध्य प्रदेश पदोन्नति नियम-2022 ड्राफ्ट की खास बातें
- प्रमोशन में आरक्षण दिया जाएगा परंतु यदि आरक्षित वर्ग का अधिकारी और कर्मचारी नहीं मिला तो आरक्षण शून्य घोषित कर दिया जाएगा।
- आरक्षित शासकीय सेवक के लिए किसी भी पद को अधिकतम 3 वर्ष तक खाली रखा जाएगा।
- प्रतिवर्ष एक जनवरी की स्थिति में आरक्षित वर्ग के प्रतिनिधित्व की स्थिति का आकलन किया जाएगा। इसके आधार पर तय होगा कि अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के अधिकारियों-कर्मचारियों को कितने प्रतिशत आरक्षण मिलेगा।
- प्रतिवर्ष विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक होगी। इसमें रिक्तियों के आधार पर चयन सूची तैयार होगी।
- पांच वर्ष के गोपनीय प्रतिवेदनों के समग्र मूल्यांकन के आधार पर अंक निर्धारित होंगे।
- प्रथम श्रेणी के पद पर पदोन्नति के लिए न्यूनतम 15 अंक होने आवश्यक होंगे।
- द्वितीय श्रेणी के पदों के लिए 14 अंक अनिवार्य होंगे।
- तृतीय श्रेणी के लिए 12 अंक की अनिवार्यता रहेगी।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश सरकार के प्रवक्ता एवं गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा की अध्यक्षता में मंत्री समूह का गठन किया था। मंत्रियों ने तीन बार कर्मचारी नेताओं को बुलाया और बीच का रास्ता निकालने का प्रयास किया। इसके बाद सरकार ने बीच का रास्ता निकाल दिया।