दण्ड प्रक्रिया संहिता ,1973 की धारा 167 पुलिस अधिकारी को शक्ति देती है कि वह किसी भी आरोपी व्यक्ति को चौबीस घंटों के अन्दर न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश करे अगर कोई पुलिस अधिकारी ऐसा नहीं करता हैं तब आरोपी व्यक्ति की गिरफ्तारी अवैध होगी एवं गिरफ्तार व्यक्ति को निरुद्ध नहीं रखा जा सकता है। भारतीय संविधान में भी गिरफ्तार व्यक्ति की गिरफ्तारी के संरक्षण में संवैधानिक मौलिक अधिकार प्राप्त है जानिए।
भारतीय संविधान अधिनियम,1950 के अनुच्छेद 22(3) की परिभाषा
प्रत्येक गिरफ्तार व्यक्ति का अधिकार है कि उसे चौबीस घंटों के अन्दर मजिस्ट्रेट के समक्ष हाजिर करना आवश्यक है अगर पुलिस अधिकारी को गिरफ्तार व्यक्ति को 24 घंटों से अधिक निरूद्ध रखना है तो इसके लिए मजिस्ट्रेट का आदेश होना अतिआवश्यक हैं लेकिन पुलिस अधिकारी गिरफ्तार व्यक्ति को को किसी भी दशा में 15 दिवसीय से अधिक समय तक निरूद्ध नहीं रख सकती है।
अगर बिना मजिस्ट्रेट के आदेश के या बिना मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश के गिरफ्तार व्यक्ति को कैद रखा जाता है तब यह गिरफ्तारी अवैध होगी।
✍️ लेखक बीआर अहिरवार(पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665