मध्यप्रदेश के सरकारी कॉलेजों में सिर्फ 27% प्रोफेसर बचे हैं, पद विलुप्त होने की कगार पर - MP karmchari news

Bhopal Samachar
भोपाल
। उच्च शिक्षा विभाग मंत्रालय मध्यप्रदेश शासन के अंतर्गत आने वाले सभी सरकारी कॉलेज और विश्वविद्यालयों में रिक्त पदों की तुलना में मात्र 27% प्रोफेसर बचे हैं। हर रिटायरमेंट के साथ प्रोफ़ेसर की संख्या कम होती जा रही है। जल्द ही बिना किसी आधिकारिक अधिसूचना के यह पद विलुप्त हो जाएगा। 

मध्य प्रदेश में कुल 13 विश्वविद्यालय हैं। इन सभी के टीचिंग डिपार्टमेंट में प्रोफेसर के कुल 1942 पद स्वीकृत हैं। विश्वविद्यालय में हर साल विद्यार्थियों की संख्या बढ़ रही है, इसके अनुपात में प्रोफेसरों की संख्या भी बढ़नी चाहिए परंतु स्वीकृत पदों की संख्या बढ़ने के बजाय स्थिर बनी हुई है और वह भी केवल नाम की है। 1942 पदों के विरुद्ध मात्र 514 प्रोफेसर कार्यरत हैं। 1428 पद रिक्त हैं। 

अतिथि विद्वानों की मजबूरी का फायदा उठा रही है सरकार 

आंकड़े बोलते हैं कि सरकार की हालत खराब है। मात्र 27% प्रॉफिट ओं के आधार पर 13 विश्वविद्यालय और उनसे संबंधित सभी सरकारी कॉलेज नहीं चलाए जा सकते। उच्च शिक्षा विभाग की सारी व्यवस्थाएं ठप हो चुकी है परंतु नियमित प्रोफेसरों की जगह अतिथि विद्वानों की नियुक्ति की गई है। सरकार की स्थिति कमजोर है लेकिन फिर भी हुआ अतिथि विद्वानों की मजबूरी का फायदा उठा रही है। ना तो उन्हें समान वेतन दिया जा रहा है और ना ही उन्हें स्थाई कर्मचारी का दर्जा दिया जा रहा है।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!