रावण के विषय में लोग बहुत कुछ जानते हैं और लगातार बहुत कुछ उद्घाटित भी होता जा रहा है। सभी जानते हैं कि रावण लंका का राजा था और अयोध्या यानी वर्तमान उत्तर प्रदेश के राजा भगवान श्री राम के साथ उसके जीवन का सबसे बड़ा युद्ध हुआ था, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि रावण के जीवन के तीन बड़े प्रसंग मध्यप्रदेश में घटित हुए थे।
मध्यप्रदेश में है रावण की ससुराल, आज भी दशहरे पर पुतला नहीं जलाते
मध्य प्रदेश के 1 जिले का नाम है मंदसौर। यहां की राजकुमारी मंदोदरी का विवाह रावण के साथ हुआ था। इस प्रकार मध्य प्रदेश रावण की ससुराल है। यही कारण है कि मंदसौर में दशहरे के दिन रावण के पुतले का दहन नहीं किया जाता, क्योंकि आज भी मंदसौर के लोग रावण को मंदसौर का जमाई राजा मानते हैं। लोगों का कहना है कि रावण ने पाप किया हो या पुण्य, परंतु अपने जमाई राजा की मृत्यु पर उत्सव नहीं मना सकते।
रावण ने नर्मदा नदी में तपस्या करके भगवान शिव को प्रसन्न किया था
सभी लोग जानते हैं कि रावण एक महान शिव भक्त था। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए उसने कई प्रकार की तपस्या की थी, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि रावण मध्य प्रदेश से निकलने वाली नर्मदा नदी के पत्थर से बने शिवलिंग की पूजा किया करता था। वह नियमित रूप से नर्मदा तट पर आता था। भगवान शिव की विधि विधान से पूजा एवं साधना किया करता था। विष्णु पुराण में नर्मदा नदी के उद्गम का विस्तार से वर्णन है। भगवान शिव के पसीने से नर्मदा नदी प्रकट हुई इसलिए इन्हें भगवान शिव की पुत्री कहा जाता है। शास्त्रों में उल्लेख है कि नर्मदा के पत्थर को शिवलिंग मानकर विधि विधान से पूजा करने वालों की चिंता स्वयं शिव करते हैं। रावण के जीवन में तीसरा प्रसंग इसको प्रमाणित करता है।
महेश्वर मध्य प्रदेश के राजा ने रावण को बंदी बना लिया था
विश्व का सबसे शक्तिशाली साम्राज्य माहिष्मती मध्यप्रदेश में ही स्थित था। वर्तमान में इस क्षेत्र को महेश्वर कहा जाता है। माहिष्मती के राजा सहस्त्रार्जुन के बारे में तो सभी जानते हैं। जब रावण नर्मदा नदी में भगवान शिव की तपस्या में लीन था तभी सहस्त्रार्जुन के कारण रावण की तपस्या भंग हुई और दोनों के बीच युद्ध छिड़ गया। सहस्त्रार्जुन पृथ्वी पर सबसे शक्तिशाली राजा था लेकिन उसने रावण का वध नहीं किया क्योंकि रावण ब्राह्मण तपस्वी के भेष में था। राजा सहस्त्रार्जुन ने रावण को बंदी बना लिया।
क्योंकि रावण नर्मदा नदी में भगवान शिव की तपस्या कर रहा था इसलिए भगवान शिव ने रावण की रक्षा की। अपने शिष्य एवं भगवान विष्णु के अवतार परशुराम को भेजकर रावण को सहस्त्रार्जुन के कारावास से मुक्त कराया। इससे पहले कि राजा सहस्त्रार्जुन रावण की तलाश में लंका तक पहुंच पाता भगवान शिव ने पुलस्त्य ऋषि को भेजकर राजा सहस्त्रार्जुन का क्रोध शांत कराया।
इस प्रकार मध्य प्रदेश और रावण के बीच काफी स्ट्रांग कनेक्शन है। रावण की ससुराल मध्य प्रदेश में है। रावण ने मध्य प्रदेश की पूजनीय नर्मदा नदी की सहायता से भगवान शिव को प्रसन्न किया और इसी मध्य प्रदेश के राजा सहस्त्रार्जुन ने रावण को बंदी बना लिया था।