नई दिल्ली। संयुक्त राज्य अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी NASA (नैशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन) द्वारा पिलर्स ऑफ क्रिएशन की नई तस्वीर जारी की गई है। यह फोटो james webb space telescope cost द्वारा कैप्चर किया गया। इसकी लागत भारतीय मुद्रा में 73,700 करोड़ रुपए है।
जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप पृथ्वी से 1500000 किलोमीटर की दूरी पर अंतरिक्ष में घूम रहा है। नासा ने ऐसे 25 दिसंबर 2021 को छोड़ा था। यह टेलीस्कोप अंतरिक्ष की ज्यादा अच्छी तस्वीरें खींचने में सफल हो गया है। स्पेस टेलीस्कोप साइंस इंस्टीट्यूट के विज्ञान कार्यक्रम प्रबंधक क्लॉस पोंटोपिडन (Klaus Pontoppidan) ने बुधवार को ट्विटर पर कहा कि "लोगों की मांग की वजह से हमें पिलर्स ऑफ क्रिएशन की तस्वीर को वेब के साथ शूट करना पड़ा।
पोंटोपिडन ने कहा कि "वहां बहुत सारे तारे हैं!"। नासा की खगोल भौतिक विज्ञानी एम्बर स्ट्रॉन ने इसे सारांशित करते हुए ट्विटर पर लिखा, "ब्रह्मांड सुंदर है!"
पिलर्स आफ क्रिएशन क्या है
सरल शब्दों में कहें तो यह, वह स्थान है जहां से करोड़ों ब्रह्मांड की उत्पत्ति होती है। हमारा सूर्य और उसके चारों ओर परिक्रमा करने वाले तमाम ग्रह यहीं से जन्म लेकर आए हैं। भारतीय बुद्धिजीवियों द्वारा इसे ब्रह्मांड में स्थापित शिवलिंग भी कहा जाता है, जहां से ब्रह्मांड का सृजन होता है और अंत भी यहीं से होगा।
विज्ञान की किताब से पूछें तो बताती है कि, "पिलर्स ऑफ क्रिएशन" पृथ्वी से 6,500 प्रकाश वर्ष की दूरी पर हमारी आकाशगंगा के ईगल नेबुला में स्थित हैं। इन स्तंभों की तस्वीर हबल स्पेस टेलीस्कोप द्वारा लिया गया है। इससे पहले इस टेलीस्कोप ने 1995 में और 2014 में इस तरह की तस्वीर ली थी। लेकिन एक साल से भी कम समय पहले अंतरिक्ष में लॉन्च किया गया नए जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप की इन्फ्रारेड क्षमताओं की बदौलत स्तंभों की अस्पष्टता के माध्यम से कई नए तारों को बनते देखा जा सकता है।