जबलपुर। स्कूल शिक्षा विभाग में नित्य नए प्रयोग होते रहते हैं। इनमें से ज्यादातर कर्मचारियों और विद्यार्थियों को परेशानी पैदा करने वाले होते हैं। अक्सर विफल हो जाते हैं और फिर वापस ले लिए जाते हैं। ई-अटेंडेंस एक ऐसा ही प्रयोग है।
सन 2014 में अटेंडेंस योजना पर पूरी तरह से अमल हो जाना चाहिए था और यदि योजना विफल हो गई है तो इसे बंद कर देना चाहिए था परंतु तब से लेकर अब तक शिक्षा विभाग के आला अधिकारी बार-बार आदेश जारी करते हैं और फिर अपने आदेश के उल्लंघन पर चुप हो जाते हैं। एक बार फिर ई-अटेंडेंस का आदेश जारी किया गया है।
इस बार कहा गया है कि स्टाफ के अलावा विद्यार्थियों की अटेंडेंस भी मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से दर्ज की जाएगी। एक बार फिर कर्मचारियों द्वारा इसका विरोध शुरू हो गया है और कर्मचारी संगठन इसके खिलाफ आवाज उठाने लगे हैं। दबाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है। वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि यदि आदेश का पालन नहीं किया तो कार्रवाई की जाएगी और कर्मचारी संगठनों का कहना है कि यदि जबरदस्ती की तो हड़ताल की जाएगी।