कहते हैं कि महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए करवा चौथ का निर्जला व्रत रखती हैं, बच्चे अक्सर सवाल पूछते हैं कि मम्मी के व्रत रखने से पापा की आयु कैसे बढ़ सकती है क्योंकि विज्ञान कहता है कि जो व्यक्ति उपवास रखता है, उसी के शरीर को फायदा होता है। आइए जानते हैं करवा चौथ के व्रत का एक्चुअल साइंटिफिक फायदा क्या होता है।
वैज्ञानिकों को यह पता लगाने में शायद बहुत लंबा समय लगता लेकिन कंफर्म करने में ज्यादा समय नहीं लगा। स्पष्ट हो गया है कि भारतवर्ष में कार्तिक मास (मानसून के बाद का सीजन जैसे दीपावली फेस्टिव सीजन भी कहा जाता है) में चंद्रमा के कारण औषधियों के गुणों में वृद्धि होती है। यानी आयुर्वेद में जितनी भी औषधि दर्ज हैं, वह सभी कार्तिक मास में सबसे ज्यादा अच्छा असर दिखाती हैं।
यह तो अपन जानते ही हैं कि शरद पूर्णिमा को दूध और चावल से बनी खीर को चांदी के बर्तन में चंद्रमा की चांदनी में रखने से रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी पावर) बढ़ जाती है (अधिक जानकारी के लिए कृपया यहां क्लिक करें)। इसके बाद चतुर्थी तिथि को करवा चौथ मनाया जाता है। इस दिन निर्जला उपवास का महत्व है। महिलाएं जब पूरे दिन जल का सेवन नहीं करती, उनके शरीर में पानी की मात्रा नहीं जाती और शरीर में मौजूद सारा पानी विसर्जित हो जाता है तो शरीर को एक नई ऊर्जा प्राप्त होती है। इसके कारण शरीर में धातुओं और जल का संतुलन बनता है। यह शरीर को डिटॉक्स करने की सबसे सरल और प्रभावशाली प्रक्रिया है।
महिलाओं के शरीर में संक्रमण का खतरा सबसे ज्यादा होता है। डॉक्टर भी कहते हैं कि महिलाओं के शरीर को डिटॉक्स करना अनिवार्य है और यदि यह प्रक्रिया कार्तिक मास में होती है तो डिटॉक्सीनेशन का फायदा लंबे समय तक मिलता है। अब यदि महिलाओं से कहें कि यह प्रक्रिया उनकी उम्र बढ़ाने के लिए बहुत जरूरी है तो इतना कठिन व्रत बिल्कुल नहीं करेंगी परंतु इस प्रक्रिया को उनके सबसे संवेदनशील विषय से जोड़ दिया जाए तो इसके भंग होने का खतरा बहुत कम हो जाएगा।
यानी करवा चौथ के व्रत से एक्चुअल में महिलाओं की उम्र बढ़ती है और सबसे इंपोर्टेंट बात यह है कि यदि करवा चौथ का व्रत किसी कारण से टूट गया है तो दूसरे दिन भी निर्जला रह सकते हैं। चंद्रमा का प्रभाव पंचमी के दिन भी लगभग उतना ही होता है।