अमेजॉन का जंगल दुनिया का सबसे रहस्यमई और रोमांचकारी जंगल है परंतु मध्य प्रदेश के जंगलों को भी आप भारत का अमेजॉन कह सकते हैं। नर्मदा नदी पर सफेद संगमरमर की चट्टानों वाला वाटरफॉल भेड़ाघाट तो सब जानते हैं परंतु इसी मध्यप्रदेश में एक वाटरफॉल ऐसा भी है जहां लाल, हरी और गुलाबी चमकती हुई चट्टानों के बीच से नदी का पानी गुजरता है और शाम के समय यह पानी सोने की तरह चमकता है।
केन नदी का प्राकृतिक रानेह वाटरफॉल (Raneh waterfall)
हम बात कर रहे हैं मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में केन नदी पर बने प्राकृतिक रानेह वाटरफॉल (Raneh waterfall) की। यह प्रकृति के किसी अद्भुत चमत्कार से कम नहीं है। इस वाटरफॉल में चट्टानों का रंग लाल, हरा और गुलाबी है। वाटरफॉल के बाद शाम को सूर्यास्त के समय इसका पानी सोने की तरह चमकता है।
यहां याद दिलाना जरूरी है कि पन्ना धरती का वह हिस्सा है जहां मजदूरों को जमीन के भीतर आज भी हीरे मिलते हैं। हर साल कई गरीब, अचानक लखपति और करोड़पति बन जाते हैं। पन्ना के जंगल 10000 साल से भी ज्यादा पुराने हैं। भगवान श्री कृष्ण यानी महाभारत काल से लगभग 5000 साल पहले यहां पर जानवरों के साथ इंसान रहा करते थे।
कहते हैं कि पांडवों को यहां के जंगल और जंगल में रहने वाले लोग इतने पसंद आ गए थे कि वह यहां से जाना ही नहीं चाहते थे। यदि विधि का विधान और श्री कृष्ण का आव्हान ना होता तो पन्ना, पांडवों का राज्य होता है।