मध्यप्रदेश में ऐतिहासिक और विश्व प्रसिद्ध मस्जिद हैं। ईसाई समुदाय के चर्च और अन्य कई धर्मों के महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल मध्यप्रदेश में है और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस विविधता का संरक्षण मध्य प्रदेश के 90.9% हिंदू नागरिक करते हैं। यदि जनसंख्या की दृष्टि से देखा जाए तो मध्य प्रदेश को भारत का हिंदू राज्य कहा जा सकता है।
सन 2011 की जनगणना के अनुसार मध्यप्रदेश में 90.9% नागरिक हिंदू हैं। जबकि अन्य में मुस्लिम (6.6%), जैन(1%),ईसाई (0.3%), बौद्ध (0.3%), और सिख (0.2%) आदि आते है। मध्य प्रदेश का एक क्षेत्र (विंध्य प्रदेश) भगवान श्री राम के कौशलपुर राज्य का हिस्सा हुआ करता था तो दूसरा क्षेत्र (उज्जैन) भगवान श्री कृष्ण की प्राथमिक शिक्षा का केंद्र था। यहां ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग में भगवान शिव के साक्षात के प्रमाण मिलते हैं। चमत्कारी नर्मदा नदी का उद्गम भी मध्यप्रदेश से है। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए स्वयं रावण यहां पर आकर तपस्या किया करता था।
दुनिया के ऐसे बहुत सारे क्षेत्र हैं जहां का प्राचीन इतिहास समृद्धशाली है परंतु वर्तमान बदल गया है लेकिन मध्यप्रदेश के मामले में ऐसा नहीं है। यह क्षेत्र हजारों वर्षों से सनातन धर्म का क्षेत्र रहा है और आज भी बना हुआ है। इस सब के बावजूद इस क्षेत्र में कट्टरवाद नहीं दिखाई देता बल्कि सहिष्णुता के सशक्त उदाहरण देखने को मिलते हैं।
भले ही मुसलमानों की आबादी 7% से कम है परंतु दुनिया की सबसे लोकप्रिय मस्जिदों में से एक ताजुल मसाजिद मध्यप्रदेश में है। जहां दुनिया भर के मुस्लिम समाज के लोग वार्षिक धर्म सम्मेलन में भाग लेने के लिए आते हैं। जैन समाज की आबादी मात्र 1% है परंतु जैन समाज के विश्व प्रसिद्ध तीर्थ क्षेत्र मध्यप्रदेश में भी हैं। बौद्ध तो 0.50% भी नहीं है, लेकिन यहां सांची सहित भगवान बुद्ध के तमाम चिन्ह ना केवल सुरक्षित हैं बल्कि विकसित भी किए जा रहे हैं।
यदि कोई हिंदू धर्म का इतिहास और वर्तमान जानना चाहता है तो उसे मध्य प्रदेश का अध्ययन करना चाहिए।