भोपाल के तालाब को बड़ा तालाब इसलिए कहा गया क्योंकि यह 11 वीं सदी में सबसे बड़ी मानव निर्मित विशालकाय जल संरचना थी। आज भी भोपाल के तालाब को एशिया की सबसे बड़ी मानव निर्मित झील कहा जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं आज जिसे बड़ा तालाब कहा जाता है असल में वह एक छोटा जलाशय है। आइए हम बताते हैं कि भोपाल का बड़ा तालाब कहां है:-
भोपाल का असली बड़ा तालाब कहां है, जो राजा भोज ने बनवाया था
11 वीं सदी में परमार वंश के राजा भोज ने जब बेतवा नदी और कलियासोत नदी का पानी मिलाकर एक विशालकाय जल संरचना के निर्माण की प्रक्रिया शुरू की थी तब भोजपुर में एक बांध बनाया गया था, जो बेतवा नदी के बहते हुए पानी की दिशा को बदल कर भोपाल के तालाब में शामिल करता था। यानी भोजपुर से लेकर और लालघाटी तक भोपाल का बड़ा तालाब हुआ करता था। आजकल भोपाल के बड़े तालाब की जमीन पर पूरा शहर बसा हुआ है।
जिसे भोपाल का बड़ा तालाब कहते हैं, वह क्या है
कमला पार्क के पास वाले इलाके में पानी के बहाव को रोकने के लिए एक मिट्टी का बांध बनाया गया था। वर्तमान में इसी जलाशय भोपाल का बड़ा तालाब या भोपाल की झील कहते हैं। सन 1694 में नवाब छोटे ख़ान ने बड़े तालाब के पास बाण गंगा पर एक बांध बनवाया, जिसके कारण एक और छोटा जलाशय अस्तित्व में आया, जिसे आज भोपाल का छोटा तालाब कहते हैं।
भोपाल का प्राचीन बड़ा तालाब किसने नष्ट किया
राजा भोज ने भोजपुर में जो बांध बनवाया था वह विशाल पत्थरों से बना हुआ था। 443 ईस्वीं में होशंगशाह ने तोड़ने का आदेश दिया। कहा जाता है कि भोजपुर का बांध इतना मजबूत और विशाल था कि होशंगशाह के सैनिकों को इसे तोड़ने में पूरे 30 दिन का समय लगा। बांध के टूट जाने के बाद जलाशय का पानी सूखने में 30 महीने का समय लगा।