मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल का जहांगीराबाद इलाका काफी भीड़ भरा है। यहां एमपी पुलिस हेडक्वार्टर है, परेड ग्राउंड और बहुत सी महत्वपूर्ण शासकीय भवन हैं परंतु बहुत कम लोग जानते हैं कि यह एक ऐतिहासिक क्षेत्र है। इस इलाके को ब्रिटिश राज्य के अधिकारियों एवं मेहमानों के लिए बनाया गया था और भोपाल राज्य का सबसे हाईप्रोफाइल इलाका था।
जैसा कि सभी जानते हैं बाजीराव पेशवा ने हैदराबाद के नवाब को हराकर भोपाल जीत लिया था। यह क्षेत्र मराठा शासन के अधीन था परंतु सन 1778 में प्रथम मराठा-अंग्रेज युद्ध के दौरान मराठा साम्राज्य के अधीन काम करने वाला भोपाल का नवाब ब्रिटिश जनरल थॉमस गोडार्ड से जाकर मिल गया। जबकि मराठा साम्राज्य के प्रति अपनी वफादारी प्रदर्शित करता रहा। 1817 में मराठा और अंग्रेजों के बीच तीसरा युद्ध हुआ। इसके बाद भोपाल राज्य ब्रिटिश सरकार के अधीन एक रियासत बन गया। फरवरी-मार्च 1818 में, भोपाल ईस्ट इंडिया कंपनी और नवाब नज़र मुहम्मद खान के बीच संधि पर हस्ताक्षर हुए।
इसके बाद भोपाल के नवाब ब्रिटिश राज के प्रति अपनी वफादारी साबित करने में लग गए। इसी क्रम में नवाब जहाँगीर मोहम्मद खान ने अपने राज्य का सबसे खूबसूरत नगर बसाया जिसे जहांगीराबाद नाम दिया गया। यह केवल अंग्रेज अधिकारियों के लिए आरक्षित था। उनके स्वागत-सत्कार और मनोरंजन के लिए बनाया गया था। उनकी सुरक्षा के नाम पर यहां एक छावनी बनाई गई थी। इसके माध्यम से ब्रिटिश हुकूमत नवाब पर अंकुश बना कर रखती थी।
भारत की स्वतंत्रता प्राप्ति तक जहांगीराबाद इलाका ब्रिटिश शासन के लिए आरक्षित रहा, यहां आम नागरिकों का प्रवेश प्रतिबंधित था। जहांगीर मोहम्मद खान ने 1837-1844 से सात साल तक शासन किया। 28 साल की उम्र में उनकी लीवर सिरोसिस के कारण मृत्यु हो गई। भोपाल के नौवें नवाब जहांगीर मोहम्मद खान का 170 वर्ष पुराना मकबरा पुलिस मुख्यालय (पीएचक्यू) के परिसर में स्थित है।