भोपाल। विंध्याचल भवन में काम करने वाली चतुर्थ श्रेणी महिला कर्मचारी की मृत्यु के बाद उनकी बेटी अनुकंपा नियुक्ति के लिए चक्कर लगा रही थी। मंत्रालय के बाहर एक एजेंट मिला। उसने बताया कि बिना रिश्वत दिए अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिलेगी। फिर अलग-अलग किस्तों में कुल ₹500000 ले लिए, और मोबाइल फोन स्विच ऑफ कर लिया।
शीतल होम्स अपार्टमेंट मंडीदीप में रहने वाली उमा सेन ने बताया कि उनकी मां कृषि विभाग विंध्याचल भवन में वाटरमेन के पद पर थी। 2021 में उनकी मृत्यु होने के बाद उमा ने अनुकंपा नियुक्ति का आवेदन किया था, लेकिन उसे आवेदन को डिपार्टमेंट में यह कहकर खारिज कर दिया कि वह शादीशुदा है इसलिए अनुकंपा नियुक्ति का अधिकार नहीं है।
महिला ने बताया कि उसने भोपाल समाचार में पढ़ा था कि शादीशुदा बेटी को भी अनुकंपा नियुक्ति का अधिकार होता है। इसलिए वह लगातार चक्कर लगा रही थी। मंत्रालय के बाहर दिव्यांग से दिखने वाला एक व्यक्ति मिला जिसने अपना नाम राजेंद्र राणा बताया। उसने बताया कि मंत्रालय में बिना पैसे खर्च किए कोई काम नहीं होता। उसने कई किस्तों में कुल ₹500000 ले लिए और मोबाइल फोन स्विच ऑफ कर लिया। 3 महीने तक इंतजार करने के बाद उसने पुलिस से शिकायत करने का फैसला किया।
उमा सेन ने बताया कि हबीबगंज, क्राइम ब्रांच और एमपी नगर थाने में चक्कर लगा चुकी है परंतु कोई उसकी FIR दर्ज करने को तैयार नहीं है। अब उसने भोपाल पुलिस कमिश्नर को आवेदन दिया है।