भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में दुर्गा उत्सव के अंतिम दिनों में जुलूस एवं प्रतिमा विसर्जन व्यवस्था में 600 पुलिस कर्मचारी एवं अधिकारी लगातार 72 घंटे ड्यूटी पर रहे। नतीजा कोई भी घटना और दुर्घटना नहीं हुई। पूरा उत्सव आनंद पूर्वक संपन्न हुआ। शहर में शुभ, मंगल और शांति है।
दुर्गा उत्सव एवं नवरात्रि के 9 दिनों में भोपाल पुलिस अलग तरीके से एक्टिव रही। धरपकड़ के बजाय सिस्टम को बनाए रखने पर फोकस किया गया। शांति के नाम पर पुलिस थानों के लॉकअप फुल नहीं किए गए बल्कि कुछ इस तरीके से पुलिसिंग की गई कि उपद्रवी और असामाजिक तत्व भी अनुशासन में रहें। जबलपुर में पुलिस वालों को उपद्रवियों के कान में पुंगी बजानी पड़ी, परंतु भोपाल में ऐसी कोई नौबत नहीं आई।
दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन एक चुनौतीपूर्ण काम था। ऐसे समय में अक्सर घटना और दुर्घटना दोनों हो जाती हैं, लेकिन इस बार कोई बड़ी घटना और दुर्घटना नहीं हुई, क्योंकि इस बार भोपाल पुलिस अपने ड्यूटी पॉइंट पर लापरवाह नहीं थी। पुलिस कमिश्नर प्रणाली में इसे एक सफलता के रूप में दर्ज किया जा सकता है।