भोपाल। शहर में आज की सबसे बड़ी राजनैतिक और प्रशासनिक खबर यही है कि प्रभारी मंत्री भूपेंद्र सिंह के गोपनीय पत्र के आधार पर भोपाल पुलिस कमिश्नर श्री मकरंद देउसकर ने 7 पुलिस कर्मचारियों को लाइन अटैच कर दिया है। खबर यह है कि प्रभारी मंत्री की लिस्ट में लगभग 35 पुलिस कर्मचारियों के नाम हैं। यानी लगभग 30 पुलिसकर्मी अभी और हटाए जाएंगे।
प्रभारी मंत्री ने 35 पुलिस कर्मचारियों को थाने से हटाने के आदेश दिए
प्रभारी मंत्री भूपेंद्र सिंह के पत्र के बाद कोलार थाने के 2 सब इंस्पेक्टर व 2 एएसआई समेत 7 पुलिसकर्मियों को लाइन अटैच कर दिया गया। 5 अन्य पुलिसकर्मियों की भी नवीन पदस्थापना आदेश डीसीपी मुख्यालय विनीत कपूर ने 4 अक्टूबर को जारी किए थे। आदेश में प्रभारी मंत्री के पत्र क्रमांक का भी उल्लेख किया गया, लेकिन यह कोई नहीं बता रहा कि उस पत्र में क्या लिखा हुआ है। इन पुलिस कर्मचारियों को क्यों हटाया जा रहा है, इस प्रश्न का जवाब कोई नहीं दे रहा। इतना पता चला है कि प्रभारी मंत्री का पत्र पुलिस कमिश्नर को 15-20 दिन पहले मिला था। इसमें चारों जोन और क्राइम ब्रांच के 32 से 35 पुलिसकर्मियों के नाम थेए जिन्हें इधर से उधर करना है।
हुजूर विधानसभा क्षेत्र के थानों का पुलिस प्रबंधन चर्चा में
पुलिस कमिश्नर मकरंद देऊस्कर के आदेश के बाद कोलार रोड थाने से एसआई उपेंद्र सिंह, विनोद द्विवेदी, एएसआई सुभाष, बालबिहारी, हवलदार नारायण वर्मा, भरत सिंह व आरक्षक देवेंद्र को लाइन अटैच किया है। एएसआई मोहम्मद लईक को डीसीपी जोन-4 कार्यालय से थाना चूनाभट्टी, कार्यवाहक एसआई श्रीकांत द्विवेदी को बैरागढ़ से थाना निशातपुरा, आरक्षक संघरतन को पुलिस लाइन से थाना कोलार, एएसआई गंगाराम बरकड़े को कोलार व एएसआई जोगेंद्र नेगी को चूनाभट्टी से कोलार थाना पदस्थ किया गया है।
हटाए गए पुलिस कर्मचारी विधायक को पसंद नहीं थी
खबरों में यह भी स्पष्ट किया गया है कि उपरोक्त पुलिस कर्मचारियों की पदस्थापना परिवर्तन स्थानीय विधायक रामेश्वर शर्मा के कारण हुई। स्वयं रामेश्वर शर्मा, हुजूर विधायक का कहना है कि इन पुलिसवालों की शिकायतें मिल रही थीं। अपराधियों से सांठगांठ थी। कई बार उच्च स्तर पर बताया, पर कार्रवाई नहीं हुई। एक ही थाने में लंबा समय हो गया है।
विधायक के बयान से एक नया प्रश्न उपस्थित होता है। यदि किसी पुलिस वाले की अपराधी के साथ सांठगांठ है तो ऐसे ही पुलिस कर्मचारी के खिलाफ डिपार्टमेंटल इंक्वायरी होनी चाहिए। अपराधियों के लिए काम करने वाले पुलिस कर्मचारी बर्खास्त किए जाने चाहिए। केवल था ना बदल देना या कुछ समय के लिए लाइन अटैच कर देना समस्या का समाधान नहीं हो सकता।