जबलपुर। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की एकल पीठ ने भोपाल के मालवीय नगर फ्लैट विवाद में नगरीय विकास व आवास विभाग के प्रमुख सचिव मनीष सिंह को पुनरीक्षण याचिका पर कोई भी अंतिम फैसला लेने से मना किया है और इस मामले में पक्ष प्रस्तुत करने के लिए समय निर्धारित किया है।
याचिकाकर्ता गौरव चौरसिया सहित अन्य की ओर से अधिवक्ता अजय रायजादा ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी याचिकाकर्ताओं ने भोपाल के मालवीय नगर में जयंत कोठारी से फ्लैट खरीदे थे। याचिकाकर्ताओं ने तहसीलदार के समक्ष रिकार्ड में नाम चढ़ाने आवेदन प्रस्तुत किया। इसी बीच जयंत कोठारी, उनकी पत्नी व बेटे ने आपत्ति प्रस्तुत की। तहसीलदार ने चार जनवरी 2021 को आपत्ति निरस्त कर रिकार्ड में नाम चढ़ा दिया।
जयंत ने तहसीलदार के आदेश के खिलाफ कलेक्टर के समक्ष अपील पेश की। कलेक्टर ने भी अपील निरस्त कर दी। इसके बाद जयंत ने प्रमुख सचिव नगरीय विकास व आवास के समक्ष पुनरीक्षण याचिका दायर की। याचिकाकर्ताओं को रिकार्ड की कापी नहीं दी गई और प्रकरण अंतिम निर्णय के लिए निर्धारित कर दिया गया।
याचिकाकर्ता गौरव चौरसिया का पक्ष सुनने के बाद न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने प्रमुख सचिव मनीष सिंह को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं साथ ही पुनरीक्षण अधिकारी प्रमुख सचिव नगरीय विकास व आवास विभाग को निर्देश दिए कि वे कोर्ट की अनुमति बिना अंतिम निर्णय न करें।