भोपाल। भारत में सडन डेथ के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। डॉक्टर इन्हें हार्ट अटैक बताते हैं परंतु सडन डेथ का शिकार होने वालों में कई ऐसे हैं जो घटना के पहले पूरी तरह स्वस्थ है। भोपाल में हेल्थ केयर कंपनी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर की सडन डेथ हो गई। दुर्गा नवमी के अवसर पर वह क्रिकेट खेल रहे थे, तभी उनकी तबीयत बिगड़ी।
MP NEWS- रीवा के बिजनेसमैन योगेश गुप्ता की अचानक मृत्यु
श्री योगेश गुप्ता की उम्र मात्र 34 वर्ष थी। वह रीवा के मनगवां के रहने वाले थे। हेल्थ केयर कंपनी फाइटोसेल लाइफ में एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर से। राजधानी भोपाल में प्रभात चौराहे के पास अशोका गार्डन में किराए पर रहते थे। दुर्गा नवमी के अवसर पर छुट्टी होने के कारण अपने 16 साथी कर्मचारियों के साथ पिपलानी ग्राउंड में क्रिकेट खेल रहे थे।
उनके साथियों ने बताया कि वह करीब 15 मिनट ही खेल पाए होंगे, एक बॉल पकड़ने के लिए उन्होंने दौड़ लगाई और अचानक गिर गए। सभी ने उन्हें पानी पिलाया और कुछ देर आराम करने के बाद घर भेज दिया। अशोका गार्डन आने के बाद उन्हें फिर से सीने में दर्द हुआ। हमीदिया हॉस्पिटल में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
15 दिन पहले फुल बॉडी चेकअप में सब नॉर्मल आया था
योगेश के बड़े भाई ने बताया कि 15 दिन पहले योगेश घर रीवा आया था। उसका बॉडी चेकअप हुआ था। रिपोर्ट में सब नॉर्मल था। असल में योगेश इलाज के लिए घर से कुछ पैसे मांग रहा था, जिसके कारण बड़े भाई ने उसका पूरा चेकअप कराया था। बड़े भाई का कहना था कि अगर तुम्हें कोई दिक्कत है, तो इलाज का खर्च हम उठाएंगे, लेकिन चेकअप में सभी रिपोर्ट नॉर्मल आई थी।
यदि तत्काल इलाज मिल जाता है तो शायद बच जाते
सरकार ने नियम बनाया है कि इमरजेंसी की स्थिति में कोई भी डॉक्टर किसी भी मरीज को रेफर नहीं कर सकता। उसकी जान बचाने के लिए प्रायमरी ट्रीटमेंट तत्काल दिया जाना चाहिए परंतु योगेश गुप्ता के केस में ऐसा नहीं हुआ। उन्हें सबसे पहले वेदांता हॉस्पिटल लाया गया था। यहां से चरक हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया। चरक हॉस्पिटल वालों ने हमीदिया हॉस्पिटल रेफर कर दिया। जब तक हमीदिया हॉस्पिटल पहुंचे उनकी मृत्यु हो चुकी थी। मेडिकल एक्सपर्ट कहते हैं कि हार्ट अटैक की स्थिति में शुरुआत के 30 मिनट जान बचाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं।