कमल याज्ञवल्क्य। माँ नर्मदा के तट मंग्लेश्वर तीर्थ मांगरोल धाम में मां रेवा मंदिर पर शरद पूर्णिमा के पर्व पर रविवार की रात दमा-स्वास अस्थमा के मरीजो को प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी आयुर्वेद के विद्वान जानकार पूज्य ब्रम्हचारी महाराज महामण्डलेश्वर वापोली- मांगरोल धाम द्वारा आयुर्वेदीय परंपरा और वैदिक मंत्रोक्त औषधि आश्विन मास की पूर्णिमा को रात्री 12 बजे निशुल्क रुप से पिलाई जाएगी।
पूज्य ब्रम्हचारीज महाराज ने बताया कि दिव्य औषधियों से दवा तैयार कर भगवान की पूजा अर्चना कर पहुचें सभी भक्तजनों को निशुल्क वितरण की जाती है। इस वर्ष पूर्णिमा रविवार को है जिन लोगों को स्वास सबंधी बीमारी है। वह मांगरोल धाम पहुंच कर निशुल्क दिव्य खीर का सेवन कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं। बाहर से आए मरीजो को आश्रम में ठहरने की समुचित व्यवस्था है।
उल्लेखनीय है कि पूज्य ब्रम्हचारी महाराज आयुर्वेद के विद्वान हैं। करीब दो दशक तक वापोली धाम में पूज्य गुरुजी वापोली वालों के सानिध्य में उन्होंने रस रसायन के साथ आयुर्वेद पर रिसर्च किया है। तपस्वी संत और रस रसायन के साथ ही आयुर्वेद के विद्वान ज्ञाता पूज्य ब्रम्हचारी जी महाराज ने बताया कि आज भी आयुर्वेद पद्धति बीमारियों को जड़ से खत्म करने में प्रभावी है।
मंग्लेश्वर तीर्थ मांगरोल धाम कैसे पहुंचे
मंग्लेश्वर तीर्थ मांगरोल धाम मध्य प्रदेश के रायसेन जिले की बरेली तहसील में स्थित है। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से नेशनल हाईवे 45 सड़क मार्ग का उपयोग करते हुए बरेली जाने के लिए ढाई घंटे का समय लगता है। इसके अलावा विदिशा, नरसिंहपुर, बैतूल, छिंदवाड़ा एवं सागर के लोग बड़ी संख्या में मंगलेश्वर तीर्थ पहुंचते हैं।