भोपाल। महालेखाकार कार्यालय में ऑडिटर के पद पर पदस्थ कमल किशोर मीणा को ऐशबाग थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। सरकारी अधिकारी पर आरोप है कि वह डंडा बैंक (सूदखोरी) का संचालन करता है और गरीबों को 20% मासिक ब्याज दर पर कर्ज देकर प्रताड़ित करता है। उल्लेखनीय है कि आरबीआई द्वारा निर्धारित ब्याज दरों से अधिक ब्याज दर की वसूली गंभीर अपराध मानी जाती है।
दीनदयाल विश्वकर्मा नाम के एक मजदूर ने पुलिस को शिकायत की थी। उसने बताया कि लॉकडाउन के समय उसने सरकारी अधिकारी कमल किशोर वर्मा से ₹10000 उधार लिए थे। बदले में एक खाली बैंक चेक पर हस्ताक्षर करके दिए थे। कमल किशोर ने 10% ब्याज निर्धारित किया था। दीनदयाल विश्वकर्मा ने बताया कि 6 महीने बाद कमल किशोर ने ब्याज की दर बढ़ाकर 20% कर दी। अब तक ₹24000 दे चुका हूं और ₹10000 की मांग कर रहा है। नहीं देने पर पुलिस से एनकाउंटर करवाने की धमकी देता है। पहले तो सुसाइड करने का प्लान बनाया लेकिन फिर सभी लोगों ने मिलकर पुलिस से शिकायत करने का निर्णय लिया।
एसीपी अभिनव विश्वकर्मा ने गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए बताया कि कमल किशोर मीणा मूल रूप से सवाई माधोपुर राजस्थान का रहने वाला है और भोपाल में बी- 28 ओल्ड सुभाष नगर से गिरफ्तार किया गया है। अब तक जो दस्तावेज हाथ लगे हैं उससे लगता है कि कम से कम 30 लोगों को उसने अपने जाल में फंसा रखा था।