इंदौर। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में BEd के रिजल्ट को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। सेकंड सेमेस्टर में सिर्फ 40% स्टूडेंट्स को पास किया गया है। 242 को तो फेल कर दिया गया है। स्टूडेंट्स का कहना है कि यह सब कुछ उन पर प्रेशर बनाने के लिए किया जा रहा है।
देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी से संबंधित कॉलेज संचालकों का आरोप है कि यूनिवर्सिटी केवल चार चुनिंदा कॉलेजों को कॉपी चेक करने का काम देती है। सीनियरिटी को भी इग्नोर किया जा रहा है। बताया गया है कि UDT कि कुछ प्रोफेसर जानबूझकर रिजल्ट बिगाड़ रहे हैं ताकि स्टूडेंट्स दबाव में आ जाएं।
इधर स्टूडेंट्स का कहना है कि निष्पक्षता के लिए जरूरी है कि उनकी आंसर शीट चेक करने का काम इंदौर के बाहर के कॉलेजों को दिया जाए। ग्रेजुएशन में 70 से 85 फीसदी तक अंक लाने वाले छात्र बीएड में कैसे फेल हाे सकते हैं? इसका यूनिवर्सिटी काे जवाब देना चाहिए।