इंदौर। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से संबंधित कॉलेजों के प्रिंसिपल्स परीक्षाओं के प्रति गंभीर नहीं है। नतीजा परीक्षाओं में लगातार गड़बड़ी हो रही है। हालात यह है कि परीक्षा के ठीक पहले यूनिवर्सिटी के गोपनीय विभाग से पेपर का जो पैकेट आता है, कुछ कॉलेजों के प्रिंसिपल उसे रिसीव करने के लिए कॉलेज में ही नहीं होते।
देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी के कुलसचिव अनिल शर्मा का कहना है कि केंद्रों तक प्रश्न पत्र पहुंचने वाले दल को पांच से छह केंद्रों पर पेपर देने होते हैं। कई केंद्रों पर प्रश्न पत्र प्राप्त करने वाले अधिकारी नहीं मिलते हैं। इस वजह से परीक्षाएं कुछ केंद्रों पर निर्धारित समय पर शुरू नहीं होती है। कुलसचिव ने कालेजों को पत्र भेजकर अपनी व्यवस्था सुधारने के लिए बोला है।
उल्लेखनीय है कि पिछले महीने अगस्त और सितंबर में अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स की कई परीक्षाएं शुरू हुई। इंदौर जिला के अलावा अलीराजपुर, झाबुआ, बुरहानपुर, धार, खंडवा एवं बड़वाह में पेपर शुरू होने के ठीक पहले क्वेश्चन पेपर का पैकेट दिया जाता है। यूनिवर्सिटी की कॉन्फिडेंशियल ब्रांच से पेपर का पैकेट डायरेक्ट कॉलेज पहुंचाया जाता है।
एक टीम के पास 5-6 कॉलेजों को पेपर पहुंचाने की जिम्मेदारी होती है। परेशानी वाली बात है कि कॉलेज में पेपर का पैकेट रिसीव करने के लिए कोई जिम्मेदार अधिकारी नहीं होता। टीम कॉलेज पर पहुंचकर फोन करती है तब कहीं जाकर कोई अधिकारी आता है। ऐसी स्थिति में सबसे लास्ट वाले कॉलेज में परीक्षा का समय शुरू हो जाने के बाद पेपर पहुंचता है।