How to invite goddess Lakshmi at Dipawali
दीपावली, भारत सहित दुनिया के कई देशों में 5 दिनों तक मनाए जाने वाला सबसे बड़ा त्यौहार है। धनतेरस के दिन कुबेर से खजाना और भगवान धन्वंतरि आरोग्य का आशीर्वाद प्राप्त करने के बाद दूसरा दिन बड़ा महत्वपूर्ण होता है। इसे छोटी दीपावली, रूप चौदस, नर्क चतुर्दशी एवं नरक चौदस इत्यादि कई नामों से जाना जाता है। बहुत सारे लोग नहीं जानते कि इस दिन दीपावली की पूजा विधान का प्रारंभ हो जाता है। लक्ष्मी जी को आमंत्रित किया जाता है। यदि आमंत्रित ही नहीं करेंगे तो कार्तिक अमावस्या की रात लक्ष्मी जी का ग्रह प्रवेश कैसे होगा।
छोटी दीपावली के दिन लक्ष्मी जी को आमंत्रित करने के लिए क्या करें
- प्रातःकाल तेल लगाकर अपामार्ग (चिचड़ी) की पत्तियाँ जल में डालकर स्नान करें।
- स्नान के पानी में गंगाजल अवश्य मिलाएं।
- स्नान करते समय मन ही मन प्रार्थना करें कि शरीर और मन का सारा मैल साफ हो जाए। जीवन में सभी प्रकार की दरिद्रता समाप्त हो जाए।
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- कुछ लोग स्नान के के पानी का कोई दूसरा उपयोग भी करते हैं परंतु इस स्नान के पानी का कोई दूसरा उपयोग नहीं किया जाना चाहिए।
- स्नान करने के बाद तुलसी के पौधे में गंगा जल अर्पित करें। हाथ जोड़कर पूरी विनम्रता के साथ लक्ष्मी जी को आमंत्रित करें।
- पूजा घर में भगवान श्री कृष्ण का श्रंगार करें। श्रद्धा पूर्वक और आनंद के साथ उनकी पूजा करें। याद रखें श्री कृष्ण की पूजा में आनंद और श्रद्धा का बड़ा महत्व है।
- शाम के समय घर के द्वार पर दीपक जलाएं।
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- दक्षिण दिशा में यम का दीपक रखें। इससे परिवार में अकाल मृत्यु नहीं होती।
- श्री राम भक्त हनुमान की पूजा करें। सुंदरकांड का पाठ करें और यदि समय नहीं है तो हनुमान चालीसा का पाठ करें।