भारतीय संविधान में सभी को समानता का अधिकार प्राप्त है एवं संविधान का अनुच्छेद 16 राज्य के अधीन किसी पद पर नियोजन (सेवा) या नियुक्ति से संबंधित विषयों में सभी नागरिकों के लिए अवसर की समानता होगी एवं राज्य के अधीन किसी सेवा या पद के संबंध में केवल धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग, उद्द्भव, जन्मस्थान, निवास या इनमें से किसी के आधार पर कोई भी नागरिक अपात्र नहीं होगा ओर न उनसे विभेद किया जाएगा। लेक़िन अनुच्छेद 16 के कुछ निम्न अपवाद हैं जो भारतीय संविधान में संवैधानिक होते हैं जानिए:-
अपवाद क्रमांक 01 (खंड-3):-
संसद को यह शक्ति प्राप्त है कि वह विधि बनाकर राज्य सरकार की सेवाओं में सरकारी कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए उसी राज्य में निवास की अर्हता विहित कर सकती हैं, अर्थात राज्य के मूलनिवासी नागरिकों को ही राज्य सरकार की नौकरी का अवसर आरक्षित किया जा सकता है।
अपवाद क्रमांक 02 (अनुच्छेद 16 खण्ड-04, 4क,4ख):-
राज्य को सरकारी सेवाओं में पिछड़े वर्गों के लिए पदों के लिए आरक्षण करने की शक्ति प्रदान करता है एवं संविधान संशोधन, 1995 द्वारा जोड़ा गया नया खण्ड 4(क) अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के वर्गों के लिए सरकारी सेवाओं में प्रोन्नति में आरक्षण करने की शक्ति प्रदान करता है एवं 81वाँ संविधान संशोधन अधिनियम 2000 द्वारा जोड़ा गया 4ख यह उपबन्ध करता है कि आरक्षित वर्गों की रिक्त पदों को अगले वर्ष या वर्षों में भरे जाने से नहीं रोकेगी एवं ऐसे वर्ग की रिक्तियों पर उस वर्ग की रिक्तियों के साथ जिनमे उन्हें भरा जाना है, आरक्षण की 50% सीमा के निर्धारण के प्रयोजन के लिए विचार नहीं किया जाएगा। ऐसी रिक्तियों को एक अलग वर्ग माना जाएगा एवं उन्हें अगले सालों में भरा जाएगा भले ही आरक्षण 50% से ज्यादा हो जाए।
अपवाद क्रमांक 03 (अनुच्छेद 16 खण्ड 05):-
इसके अंतर्गत किसी भी धार्मिक या साम्प्रदायिक संस्थाओं में किसी पद पर उसी धर्म के व्यक्ति की नियुक्ति की व्यवस्था को मान्यता प्रदान करता है एवं यह व्यवस्था संवैधानिक होगी अर्थात मंदिर में हिन्दू पुजारी को रखना, मस्जिद में मौलवी को रखना एवं गिरजाघर में पादरी को ही रखना संवैधानिक एवं न्याय-संगत होगा।
अपवाद क्रमांक 04 (अनुच्छेद 1 खण्ड 06):-
आय के आधार पर आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए नियुक्तियों या पदों में वर्तमान आरक्षण के अतिरिक्त प्रत्येक श्रेणी में अधिकतम 10% आरक्षण कर सकता है।
इस प्रकार हमे भारतीय संविधान के अनुच्छेद 16 के अंतर्गत लोक सेवाओं के अवसर में समानता का अधिकार प्राप्त है लेकिन उसके उपर्युक्त वर्णित कुछ अपवाद के अनुसार। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665
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