भगवान राम ने रावण से लड़ने वानर सेना क्यों बनाई, हाथी और शेर क्यों नहीं- GK in Hindi

Bhopal Samachar
सभी जानते हैं कि पृथ्वी के सबसे शक्तिशाली राक्षस रावण से लड़ने के लिए भगवान श्री राम ने वानर सेना बनाई थी, क्योंकि वनवासी संकल्प के कारण अपनी या अन्य किसी राजा की सेना का उपयोग नहीं कर सकते थे। सवाल यह है कि जंगल के सभी जीव भगवान श्री राम के सामने नतमस्तक थे फिर उन्होंने अपनी सेना में केवल वानरों का चुनाव क्यों किया। हाथी, शेर, भालू, बाघ, चीता, मगरमच्छ और ऐसे खतरनाक हिंसक जानवरों को शामिल क्यों नहीं किया। 

सबसे पहले वानरों की विशेषता पढ़िए
अपने प्रश्न के उत्तर की तलाश करने के लिए अपन को बंदरों के बारे में कुछ खास बातें जानना चाहिए, जैसे:- 
  • वानरों के गाल के भीतर थैलीनुमा संरचना (cheek pouches) होती है, जहाँ वे खाना भरकर रख लेते हैं और उसे बाद में आराम से चबाकर खाते हैं। इसके कारण लंबे समय तक उनका शरीर ऊर्जावान बना रहता है। 
  • बंदर घास के मैदानों और ऊंचे पहाड़ों पर आसानी से रह सकते हैं। यानी स्थान परिवर्तन का उन पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ता। जबकि दूसरे जानवर स्थान परिवर्तित हो जाने पर कई बार असमय मृत्यु का शिकार भी हो जाते हैं। 
  • ज्यादातर बंदर रात्रि विश्राम करते हैं परंतु बंदरों की एक प्रजाति Night Monkey, जिन्हें Owl Monkey (douroucoulis) के नाम से भी जाना जाता है, रात में जागती रहती है। श्री राम की सेना में रात्रि गश्त पहरेदारी करती थी। 
  • बंदर के हाथ इंसानों की तरह होते हैं और किसी भी चीज को मजबूती से पकड़ने में सक्षम होते हैं। 
  • बंदर एक सामाजिक जानवर है। वह समूह में रहना पसंद करता है। इनके समूह की संख्या 1000 तक हो सकती है। एक सेना के लिए यह सबसे अच्छा गुण है। 
  • बंदरों में इंसानों की तरह भावनाएं होती हैं। प्रेम मिलने पर प्रेम प्रदर्शित करते हैं और यदि कोई उन्हें परेशान करता है तो उससे नफरत भी करते हैं। समूह में हमला करते हैं। 

भूख लगने पर बंदर फल, फूल, पत्ते, बीज, फली, शहद, अंडे, कीड़े और सरीसृप खाकर बड़े मजे से जीवन यापन कर सकते हैं। एक अज्ञात देश में ऐसे सैनिक हमेशा उपयोगी होते हैं जो फलाहारी, शाकाहारी और मांसाहारी भी हो।  बंदर कभी किसी से भयभीत होकर भागते नहीं हैं बल्कि भयभीत होने का अभिनय करते हैं। इस प्रकार अपने शत्रु को लापरवाह कर देते हैं और मौका पाते ही हमला करते हैं। 

सबसे खास बात यह है कि बंदर नकलची भी होते हैं। रावण की सेना से लड़ने के लिए यह गुण काफी अच्छा था। श्री राम के सेनापतियों को नहीं पता था कि रावण की सेना में सैनिक किस प्रकार की युद्ध कला का उपयोग करेंगे। वानर सेना के कारण इस बात की चिंता नहीं थी। युद्ध के दौरान रावण की सेना ने जैसा हमला किया श्री राम की वानर सेना ने वैसा ही जवाब दिया। इसके कारण रावण के राक्षस कंफ्यूज हो गए, और रावण की सेना में कई बार भगदड़ मची।

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