नदियां किसी भी राज्य की सबसे मूल्यवान संपत्ति होती हैं। नदी के पानी को लेकर कई राज्यों में खुला संघर्ष देखा जा सकता है परंतु मध्यप्रदेश अलग है। यहां एक नदी ऐसी है जिसका उद्गम तो मध्यप्रदेश में है परंतु उत्तर प्रदेश, झारखंड और बिहार के किसानों की फसल की सिंचाई करते हुए गंगा में जाकर मिल जाती है।
मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले के अमरकंटक सीमा क्षेत्र में स्थित विंध्याचल की पहाड़ियों से, पुण्य सलिला नर्मदा नदी के उद्गम स्थल से पूर्व की ओर स्थित सोनभद्र जिला से सोन नदी का उद्गम होता है। इस नदी का उद्गम ही अपने आप में एक चमत्कार है। इस नदी में मौजूद रेत के कण, दूसरी नदियों से अलग होते हैं। पीले रंग के होते हैं और सूर्य की रोशनी में सोने की तरह चमकते हैं। इसलिए भी इस नदी का नाम सोन नदी पुकारा जाता है।
मध्य प्रदेश से निकलने वाली सोन नदी का उल्लेख श्रीरामचरितमानस एवं अन्य भारतीय धर्म ग्रंथों में मिलता है।। यह गंगा नदी की सबसे प्रमुख सहायक नदी है। विंध्याचल के पर्वत से निकलकर 350 मील की यात्रा करते हुए बिहार की राजधानी पटना के पश्चिम में गंगा नदी से मिलती है। यह नदी पटना एवं आसपास के 700000 हेक्टेयर में रहने वाले किसानों के लिए जीवनदायिनी है।