गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत सभी जानते हैं। गुरुत्वाकर्षण के कारण हर चीज ऊपर से नीचे की तरफ आती है लेकिन दीपक में भरा हुआ तेल गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत के विरुद्ध नीचे से ऊपर की तरफ जाता है और जल जाता है। क्या आपने सोचा है ऐसा क्यों होता है। आइए पता लगाते हैं:-
जो हम दीपक में तेल भरते हैं तो वह दीपक की तली में जमा हो जाता है। फिर उसमें एक बाती डाली जाती है। आप कुछ मत कीजिए। थोड़ी ही देर में दीपक की बाती तेल को नीचे से ऊपर की तरफ खींच लेगी। आसान भाषा में कहें तो दीपक की बाती में तेल भर जाएगा। आप बाती के ऊपर वाले सिरे पर आग लगाएंगे। तेल नीचे से ऊपर की तरफ आता रहेगा और जब तक खत्म नहीं हो जाएगा तब तक दीपक की बाती में आग जलती रहेगी। इस प्रक्रिया को केपिलरी एक्शन (Capillary action) कहते हैं।।
केपिलरी एक्शन क्या होता है, What is Capillary action
इसे केशिका क्रिया (Capillary action, capillarity, capillary motion, or wicking) कहते हैं। जब आप किसी तरल पदार्थ में (दीपक के तेल या पानी से भरे हुए बर्तन में) कोई कपड़े का टुकड़ा या कपास की बनी हुई बाती डालते हैं तो पानी में मौजूद सूक्ष्म अणु उसकी सतह पर चिपकने लगते हैं। पीछे वाला अणु आगे वाले अणु को धक्का देता है। इस प्रकार आगे वाला अणु ऊपर की तरफ बढ़ने लगता है। इसी क्रिया को कैपिलरी एक्शन कहते हैं।
यह क्रिया एक न्यूनतम निश्चित ऊंचाई तक होती है। यानी कि यदि 10 इंच ऊंचाई वाले पानी के जग में तली में 1 इंच पानी या तेल भर दिया जाए और उसमें कपड़े या कपास की बाती डाल दी जाए तो तेल या पानी ऊपर वाले सिरे तक नहीं पहुंच पाएगा।
कुल मिलाकर गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत वहां काम करता है जहां कोई चीज स्वतंत्र रूप से उपस्थित हो। यदि उसे कोई सहारा मिल जाता है तो गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत में मिलावट हो जाती है और वह काम नहीं करता।