ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में वायरल फीवर खतरनाक होता जा रहा है। ज्यादातर वायरल फीवर 3 दिन में अपने आप चला जाता है परंतु भोपाल में कुछ मामले ऐसे आ रहे हैं जिसमें 3 दिन बाद मरीज की हालत और ज्यादा खराब हो रही है। वायरल फीवर 3 दिन बाद बदलकर निमोनिया बन रहा है।
JAH GWALIOR की ओपीडी में मेडिसिन विशेषज्ञ को दिखाने आने वाले मरीजाें में करीब 45 फीसदी मरीज वायरल फीवर से पीड़ित मिल रहे हैं। विशेषज्ञों कहना है कि इस बार वायरल फीवर के नेचर में बदलाव देखने को मिल रहा है। वायरल फीवर में मरीज का टेंपरेचर 100 डिग्री सेल्सियस हो जाता है और अधिकतम 4 दिन में बुखार खत्म हो जाता है परंतु इस बार शरीर का तापमान 104 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच रहा है और बुखार को खत्म होने में 10 दिन का समय लग रहा है। इसके बाद भी खांसी रह जाती है जो 20 दिन बाद जा रही है।
GRMC के मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ. अजय पाल सिंह के अनुसार जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम अस्थिर हो गया है और इसके चलते वायरस मजबूत होता जा रहा है जबकि मनुष्य के शरीर की इम्यूनिटी पावर कम होती जा रही है।
नए वायरल फीवर के लक्षण
- शुरू के 2 दिनों में कमर दर्द, कंधे और पैरों में तेज दर्द।
- ठंड के साथ बुखार आता है।
- मरीज को गले में दर्द की शिकायत हो सकती है।
वायरल फीवर से बचने के उपाय
- यदि शरीर में तेज दर्द होता है तो सारी फिजिकल एक्टिविटीज बंद कर दें, आराम करें।
- पॉसिबल हो तो क्वारंटाइन हो जाएं, भीड़भाड़ वाले इलाके जहां ऑक्सीजन लेवल कम होता है ना जाएं।
- तली भुनी चीजें खाना बंद कर दें।
- यदि गले में दर्द और ठंड के साथ बुखार आ रहा है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
- ठंडा पानी एवं ठंडे पेय पदार्थ बिल्कुल ना पिए।
- बासी भोजन ना करें, केवल ताजा भोजन खाएं।
- मलेरिया और कोविड-19 की जांच कराएं।