ग्वालियर। सीएसपी प्रमोद शाक्य को ग्वालियर से हटाकर पुलिस मुख्यालय भेज दिया गया है। उन पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने अवैध रेत से भरे हुए डंपर को छोड़ दिया और इसके बदले में डंपर के मालिक से व्यक्तिगत लाभ प्राप्त किया है। डिपार्टमेंटल इंक्वायरी का आदेश अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है परंतु बताया गया है कि एसएसपी अमित सांघी ने एक इंटरनल रिपोर्ट पुलिस हेड क्वार्टर भेजी थी।
उल्लेखनीय है कि नईदुनिया ग्वालियर के पत्रकार को बहोड़ापुर थाने के बाहर रेत से भरा हुआ डंपर क्रमांक एमपी 07 एचबी 4786 मिला था। पूछने पर बताया गया था कि इसमें अवैध रेत भरी हुई है और इसे जब किया गया है। पत्रकारों की टीम ने डंपर के मालिक भगवानदास प्रजापति से बातचीत की (दावा किया है कि उनके पास रिकॉर्डिंग मौजूद है)। नंबर मालिक ने बताया कि डंपर में अवैध रेत नहीं है बल्कि ओवरलोड है इसलिए सीएसपी प्रमोद शाक्य ने उसे रोक लिया है। डंपर मालिक ने यह भी बताया कि ₹10000 देकर डंपर छुड़ा लिया गया है।
पत्रकारों की टीम ने इस मामले में मीडिया ट्रायल शुरू किया। कुछ अन्य डंपर मालिकों से बातचीत की गई। एक और रिकॉर्डिंग में दावा किया गया है कि ₹25000 देकर डंपर में अवैध रेत का खुलेआम परिवहन किया जा सकता है। नई दुनिया के पत्रकारों की इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद ग्वालियर जोन के एडीजी डी. श्रीनिवास वर्मा ने प्रकाशित रिपोर्ट की जांच करने के आदेश दिए।
एसएसपी अमित सांघी ने सीसीटीवी कैमरे के फुटेज दिखवाए, जिसमें डंपर थाने पर खड़ा दिखा, लेकिन पुलिस रिकॉर्ड में डंपर की जब्ती दर्ज नहीं की गई। मामले का खुलासा होने के बाद सीएसपी प्रमोद शाक्य को हटा दिया गया है एवं डिपार्टमेंटल इंक्वायरी शुरू हो गई है।
सीएसपी शाक्य ने भी स्टिंग ऑपरेशन किया था
सीएसपी प्रमोद शाक्य खुद अवैध वसूली के लिए कटघरे में हैं, लेकिन कुछ समय पहले इन्होंने ही अवैध वसूली के खिलाफ स्टिंग ऑपरेशन किया था (खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक कीजिए) और सिपाहियों के खिलाफ एक्शन में लिया गया था। डिपार्टमेंटल इंक्वायरी में यह पता लगाया जाना भी बाकी है कि कहीं सिपाहियों के स्टिंग ऑपरेशन के बदले में सीएसपी का स्टिंग ऑपरेशन तो नहीं हो गया क्योंकि रेत माफिया कुछ भी कर सकता है।
शाजापुर में डीएसपी महिला सुरक्षा के पद पर पदस्थ संदीप मालवीय को सीएसपी ग्वालियर बनाया गया है।