ग्वालियर। यहां बताया गया है कि गंड वाली सड़क के लिए मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने चप्पल छोड़ दी है जबकि मंत्रालय में चर्चा है कि सड़क तो बहाना है असल में ट्रांसफर वाली फाइल के लिए चप्पल छोड़ी गई। मुख्यमंत्री पर दबाव बनाने की राजनीति की जा रही है। धमकी दी गई है कि यदि फाइल आगे नहीं बढ़ी तो ऐसी गांधीगिरी की जाएगी, सरकार जवाब नहीं दे पाएगी।
सच क्या है यह तो मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ही जानते होंगे परंतु राजधानी भोपाल स्थित मंत्रालय से जो बातें सुनने में आ रही हैं उसके अनुसार मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर बिजली कंपनियों में अधिकारियों एवं कर्मचारियों के ट्रांसफर अपने हिसाब से करना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने अधिकारियों और कर्मचारियों से बात भी कर ली थी। पूरी फाइल बनाकर अपने प्रमुख सचिव को भेजी। प्रमुख सचिव ने वह फाइल मुख्य सचिव को भेज दी।
मुख्य सचिव ने स्पष्ट कर दिया कि इस तरह मंत्री की नोट सीट पर तबादले नहीं होंगे। तोमर साहब नाराज हो गए, उन्होंने दलील दी कि कमलनाथ के जमाने में तो ऐसा ही होता था। मुख्य सचिव ने बताया कि जमाना बदल गया है। शिवराज सिंह के जमाने में शिवराज सिंह के नियम चलते हैं। कहा जा रहा है कि मंत्री जी ने सबसे पहले इसकी जानकारी ज्योतिरादित्य सिंधिया को दी और फिर सरकार पर दबाव बनाने के लिए सड़क के बहाने चप्पल छोड़ दी।
खबर तो यह भी है कि सरकार की पुरानी कमजोरियों का पता लगाने के लिए दीपावली के बहाने मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, प्रभात जाकर घर जाकर उनसे मिले। दोनों के बीच लंबी बातचीत हुई है।
इस पूरे घटनाक्रम के बीच माधव कॉलेज के नजदीक वाले कार्यालय से एक चर्चा और सुनने में आ रही है। TRINETRA IS ALWAYS WACHING.