जबलपुर। मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि म.प्र . शासन अपने कर्मचारियों को 14 वर्ष पूर्व के छटवें वेतनमान से मान से ग्रहभाडा भत्ता प्रदान कर रही है। कर्मचारियों को 7 वां वेतनमान दिनांक 01.01.2016 से प्रदान कर दिया गया परंतु अन्य किसी भी प्रकार के भत्ते 7वें वेतनमान के अनुरूप नहीं दिये जा रहे हैं।
जो भत्ते प्राप्त हो रहे हैं वह वर्ष 2006 के वेतनमान के अनुसार देय हो रहे हैं जबकि केन्द्रीय कर्मचारियों को समस्त भत्ते वर्ष 2016 के अनुरूप दिये जा रहे हैं , जिससे केन्द्रीय और राज्य शासन के कर्मचारियों में भत्ता का विकराल अंतर हो गया है और राज्य शासन से प्राप्त ग्रहभाडा में तो मकान किराये पर मिलना भी असंभव है । मंहगाई वर्ष 2006 के बाद से चरम पर पहुंच गई है और आज तक कर्मचारियों को प्राप्त छटवें वेतनमान के भत्ते उंट के मुंह में जीरा बराबर हैं।
कर्मचारी प्रतिमाह लगभग 5000 से 6000 तक मकान किराये के रूप में अपने वेतन से दे रहा है जो प्रतिवर्ष लगभग 1 लाख रूपये होता है , इस मकान किराये की राशि का कर्मचारी को इनकम टैक्स में छूट भी नहीं मिलती है इसलिए शासन से ग्रहभाडा भत्ता प्राप्त न होने से और वेतन से किराये की राशि देने से कर्मचारी को दोहरा नुकसान झेलना पड़ा रहा है । शासन का कर्मचारियों के भत्ते न प्रदान करने से अत्यंत रोष व्याप्त है।
संघ के योगेन्द्र दुबे अर्वेन्द्र राजपूत , अवधेश तिवारी अटल उपाध्याय , मुकेश सिंह , आलोक अग्निहोत्री , ब्रजेश मिश्रा , मिर्जा मंसूर बेग , दुर्गेश पाण्डेय , प्रमोद वर्मा , योगेन्द्र मिश्रा , शरद मिश्रा , मुकेश मिश्रा , आषुतोष तिवारी , अमित पटेल , मनोज सिंह , वीरेन्द्र चंदेल , एस पी बाथरे , प्रवीण वर्मा , सी एन शुक्ला , चूरामन गूजर , संदीप चौबे , तुषरेन्द्र सिंह , नीरज कौरव , निशांक तिवारी , नवीन यादव , परशुराम तिवारी , राकेश वर्मा , सतीश देशमुख , रमेश काम्बले , पंकज जायसवाल , प्रीतोष तारे , शेरसिंह , मनोज सिंह , अभिषेक वर्मा , वीरेन्द्र पटेल , रामकृष्ण तिवारी , रितुराज गुप्ता , अमित गौतम , अनिल दुबे , शैलेन्द्र दुबे , अमित पटेल आदि ने माननीय मुख्यमंत्री जी से मांग की है कि राज्य शासन के कर्मचारियों को भी केंद्रीय कर्मचारियों के तरह प्राप्त समस्त भत्ते सातवें वेतनमान के अनुरूप प्रदाय किये जायें।