इंदौर। वन मंडल अधिकारी की कथित स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम मामले में बड़ी जद्दोजहद के बाद डिप्टी रेंजर श्याम गोहे को सस्पेंड कर दिया गया। महेंद्र सोनगरा की चौकी बदल दी गई लेकिन वनरक्षक सुनील जाट के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई। कुल मिलाकर शिकायतकर्ता को संतुष्ट करने का प्रयास किया गया है ताकि मामला आगे ना बढ़े।
शिकायतकर्ता आर के गुप्ता ने अपनी शिकायत में बताया कि डिप्टी रेंजर श्याम गोहे, महेंद्र सोनगरा और वनरक्षक सुनील जाट महू स्थित गोदाम में जांच करने के लिए आते थे और कार्रवाई से बचने के लिए रिश्वत देने हेतु दबाव बना रहे थे। यह भी बताया कि वह पिछले 1 महीने से नवरतन बाग स्थित इंदौर वन मंडल में इसकी शिकायत करने के लिए आ रहे थे परंतु उनकी शिकायत भी नहीं ली जा रही थी। मौखिक रूप से समझाइश के माध्यम से मामला निपटाने की कोशिश की जा रही थी।
व्यापारी आरके गुप्ता ने बताया कि सभी आरोपी अधिकारियों का कार्य क्षेत्र इंदौर नगर सीमा तक है, महू इनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता लेकिन फिर भी डिपार्टमेंट में कोई इन्हें रोक नहीं रहा था। यह लोग डीएफओ के नाम पर जांच करने के लिए आ रहे थे। इधर डीएफओ डीएफओ नरेंद्र पंडवा का कहना है कि शिकायत की प्राइमरी इन्वेस्टिगेशन के बाद डिप्टी रेंजर श्याम गोहे को अपने क्षेत्राधिकार के बाहर जाने के कारण सस्पेंड कर दिया गया है। महेंद्र सोनगरा की चौकी बदल दी गई है।
डीएफओ की शिकायत की जांच जूनियर को दी गई
शिकायत में डीएफओ को भी आरोपित किया गया है। निवेदन किया गया था कि मुख्य वन संरक्षक स्तर के अधिकारी से जांच करवाई जाए परंतु एसडीओ कृष्णा निनामा को जांच अधिकारी बना दिया गया। एक जूनियर, अपने सीनियर की जांच कर रहा है। कारोबारी आरके दुबे का कहना है कि एसडीओ कृष्णा निनामा उन पर शिकायत वापस लेने का दबाव बना रहे थे।
कुल मिलाकर फिलहाल इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई है और ना ही डिपार्टमेंटल इंक्वायरी की निष्पक्षता पर विश्वास किया जा रहा है। अब तक जो कुछ भी हुआ है वह शिकायतकर्ता को संतुष्ट करने और मामले को दबाने का प्रयास कहा जा सकता है।