इंदौर। 35000 स्क्वायर फीट में बना, 250 कमरे वाला तीन मंजिला महल पूरा का पूरा अतिक्रमण में था परंतु नगर निगम ने कभी कोई कार्यवाही नहीं की। रुपेश बिरला हत्याकांड के बाद इसे जमींदोज कर दिया गया। इसके मालिक आशिक पटेल पर आरोप है कि वह रुपेश बदला हत्याकांड का मास्टरमाइंड है।
इतना बड़ा अतिक्रमण पहले क्यों नहीं हटाया, हत्याकांड का इंतजार कर रहे थे क्या
इंदौर नगर निगम को इस अतिक्रमण को हटाने में 10 जेसीबी मशीन और बड़ी पोकलेन मशीनों का उपयोग करना पड़ा। पूरे 2 दिन का समय लगा। नगर निगम ने इसकी कीमत ₹10 करोड़ बताई है। लोगों का कहना है कि यह अतिक्रमण ही अपने आप में बड़ा अपराध है, फिर क्या कारण है कि नगर निगम ने आज दिनांक इसे जमींदोज नहीं किया था। क्या नगर निगम वाले केवल अपराध के बाद आरोपियों के अतिक्रमण हटाते हैं। यदि आशिक पटेल का नाम हत्याकांड में नहीं आता तो क्या नगर निगम इसके खिलाफ कभी कार्रवाई नहीं करता।
रूपेश बिरला हत्याकांड क्या है
आशिक पटेल कांग्रेस नेता है। इसके पिता अल्लानूर पटेल पूर्व में धन्नड के सरपंच भी रह चुके हैं। आशिक पटेल के यहां एक युवती अकाउंटेंट का काम करती थी। इसी दौरान आशिक उससे प्यार करने लगा। इधर, युवती का रुपेश बिरला निवासी ग्राम सेलदा (खरगोन) से तीन साल से अफेयर था। रुपेश पीथमपुर में रहकर बजाज फाइनेंस कंपनी के लिए काम करता था। जब आशिक को रुपेश और युवती के प्रेम प्रसंग के बारे में पता चला तो उसके अंदर आग लग गई। पुलिस का कहना है कि बिल्कुल फिल्मी स्टाइल में आशिक पटेल ने 5 गुर्गों को साथ लेकर रुपेश की हत्या कर दी।
इंदौर में फिल्मी कहानी का हत्याकांड- पुलिस को कैसे पता चला
रुपेश की हत्या करने के बाद आशिक पटेल फिर से लड़की के पास गया। बिल्कुल फिल्मी स्टाइल में लड़की को काबू करने की कोशिश की और अपनी दहशत जमाने के लिए लड़की को बता दिया कि उसने रूपेश को गायब करवा दिया है। इससे पहले भी उसने लड़की को धमकी दी थी कि वह उसके बॉयफ्रेंड रूपेश को मार डालेगा। जब रुपेश लापता हो गया और 11 अक्टूबर को रुपेश के परिजनों ने उसके गुमशुदा होने की रिपोर्ट दर्ज कराई तो लड़की ने भी दूसरे दिन 12 अक्टूबर को आशिक पटेल के खिलाफ छेड़छाड़ का मामला दर्ज करा दिया और अपने बयान में सब कुछ बता दिया।
शव को जमीन में दफन कर सीमेंट कंक्रीट से पक्का कर दिया था
युवती की शिकायत पर पुलिस ने तुरंत आशिक को अपनी गिरफ्त में लिया। पुलिस ने आशिक पटेल से सख्ती से पूछताछ की तो उसने युवक की हत्या करना कबूल कर लिया। आशिक के साथ उसके पांच दोस्त भी हत्याकांड में शामिल थे। पुलिस ने उन पांचों युवकों को थाने लाकर पूछताछ की। आरोपियों ने बताया कि उन्होंने रुपेश के शव को कॉलोनी में नाले के किनारे गाड़ दिया था। शव जल्दी गलकर नष्ट हो जाए, इसके लिए 15 किलो नमक डाला, मिट्टी और घास-फूस डालकर उस जगह को सीमेंट कंक्रीट से पक्का कर दिया था।
रुपेश बिरला खरगोन का रहने वाला था
युवती का रुपेश बिरला से तीन साल से अफेयर था। रुपेश पीथमपुर में रहकर बजाज फाइनेंस कंपनी के लिए काम करता था। मूल रूप से खरगोन का रहने वाला था। धार एसपी आदित्य प्रताप सिंह ने बताया कि दो दिन पहले हुए हत्याकांड के सभी 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। मुख्य आरोपी आशिक पटेल के साम्राज्य को ध्वस्त किया जा रहा है। आशिक पटेल के खिलाफ पहले भी एक हत्या का मामला दर्ज है। साथ ही अन्य 5 प्रकरण भी उसके खिलाफ दर्ज हैं।
फॉरेंसिक टीम के साथ सबूत जुटाने में लगी पुलिस
धार एसपी आदित्य प्रताप सिंह ने सीएसपी तरुणेंद्र सिंह बघेल और थाना प्रभारी लोकेश सिंह भदौरिया सहित पूरी टीम के काम की तारीफ की है। पीथमपुर सीएसपी तरुणनेंद्र सिंह बघेल, थाना प्रभारी लोकेंद्र सिंह भदोरिया की इस हत्याकांड को सुलझाने में अहम भूमिका रही है। एसपी ने बताया कि सभी आरोपियों की दो दिन की पुलिस रिमांड आज पूरी हो रही है। आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस फॉरेंसिक टीम के साथ सबूत जुटाने में लगी है।