इंदौर। सीएम शिवराज सिंह चौहान द्वारा वीडियो कांफ्रेंस के दौरान सख्त नाराजगी व्यक्त किए जाने के बाद इंस्पेक्टर भदौरिया को तो सस्पेंड कर दिया गया परंतु क्राइम ब्रांच अभी भी सुर्खियों में है। बताया जा रहा है कि जो खेल पहले चल रहा था, वो अब भी चल रहा है। बस टारगेट बदल गए हैं।
पत्रकार मुकेश मंगल की एक रिपोर्ट कहती है कि मध्य प्रदेश के गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा के कथित नजदीकी टीआई धनेंद्र सिंह भदौरिया के निलंबित होने के बाद क्राइम ब्रांच में अलग ही माहौल है। भदौरिया खुद पकड़ने-छोड़ने का काम करते थे, लेकिन अधीनस्थों पर नकेल कस रखी थी। भदौरिया के नजदीकी पुलिसकर्मियों को ही पकड़ने और छोड़ने की इजाजत थी। निलंबन के बाद उन लोगों की लाटरी लग गई, जिनकी भदौरिया से पटरी नहीं बैठती थी। अब ज्यादातर टीमें पूछताछ के नाम पर छोड़ने-पकड़ने का काम कर रही हैं।
संगठित अपराधों पर नकेल कसने के लिए गठित क्राइम ब्रांच ने न तो बड़ी गैंग पकड़ी, न कोई अंधा कत्ल खोला। नार्को हेल्प लाइन से एनडीपीएस और साइबर हेल्पलाइन से आनलाइन ठगी के मामले ही सुलझाए जा रहे हैं। एसआइ के अधीन बनी टीमें भी भटक चुकी हैं। एसीपी स्तर के अफसरों ने ध्यान देना बंद कर दिया है। डीसीपी और एडीसीपी कंट्रोल रूम में बैठते हैं।