इंदौर। कलेक्टर के अधीन खनिज विभाग में सहायक खनिज निरीक्षक के पद पर कार्यरत संजय लुणावत को रतलाम की कोर्ट ने जेल भेज दिया है। अधिकारी ने कोर्ट से भागने की कोशिश भी की परंतु पुलिस ने पकड़ लिया। मामला काफी चर्चित हुआ था। आरोप लगाया गया है कि माइनिंग इंस्पेक्टर में एक आरोपी से कहा था कि यदि वह रात में अपनी बीवी को भेज देगा तो उसे महीना (मासिक रिश्वत) नहीं देना पड़ेगा।
अधिकारी ने अवैध माइनिंग के बदले रिश्वत मांगी
पीड़ित महिला के बेटे ने बताया कि उनके डंपर में चूरी-गिट्टी कार ट्रांसपोर्टेशन किया जाता है। माइनिंग इंस्पेक्टर संजय लुणावत ने 8 महीने पहले उनका डंपर पकड़ लिया था। इसके बाद चालान भरना पड़ा। फिर लुणावत साहब ने बताया कि यदि ₹25000 महीना देंगे तो कोई भी उनका डंपर नहीं पकड़ेगा। सौदा तय हो गया। पैसे देने के लिए पीड़ित महिला और उसका पति बाजना रोड स्थित वरोठ माता मंदिर के पास 30 मार्च 2022 को कार से पहुंचे।
अधिकारी ने आरोपी से कहा- रात में अपनी पत्नी को भेज देना
आरोप है कि यहां पर इंस्पेक्टर संजय लुणावत ने महिला के पति को पानी की बोतल लाने के लिए भेज दिया और महिला के साथ आपत्तिजनक हरकत की। महिला के पति के आने पर भी लज्जा भंग करने वाली बातें करता रहा और महिला के पति से बोला कि यदि वह अपनी पत्नी को रात में भेज देगा तो उसे ₹25000 महीना रिश्वत नहीं देनी पड़ेगी।
कोर्ट ने दिया जेल भेजने का आदेश
महिला ने आरोपी के खिलाफ महिला पुलिस थाने में शिकायत की। पुलिस ने जांच करने के बाद 19 मई 2022 को आईपीसी की धारा 354-क के तहत मामला दर्ज किया था। प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट ज्योति राठौर के न्यायालय में चालान प्रस्तुत हुआ। संजय लुणावत ने जमानत के लिए आवेदन प्रस्तुत किया। न्यायधीश ज्योति राठौड़ जमानत नामंजूर करते हुए जेल भेजने के आदेश जारी कर दिए।
कोर्ट से फरार होने की कोशिश
वकीलों ने बताया कि जैसे ही संजय लुणावत को पता चला कि उसकी जमानत अर्जी खारिज हो गई है वह चुपके से कोर्ट से बाहर जाने लगा। पुलिसकर्मियों ने उसे रोका तो लघुशंका का बहाना बनाने लगा।