जबलपुर। जबलपुर में श्रम निरीक्षक गरिमा सूर्यवंशी को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट से राहत मिली है। गरिमा सूर्यवंशी विरुद्ध मध्यप्रदेश शासन मामले में एमपी हाई कोर्ट के जस्टिस एमएम भट्टी ने स्थानांतरण आदेश रोक लगाते हुए आवेदिका को अपने पूर्व संस्था में कार्य करने की अनुमति प्रदान का आदेश पारित किया है।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सत्येंद्र ज्योतिषी ने बताया कि याचिकाकर्ता लेबर इंस्पेक्टर के पद पर जबलपुर में कार्यरत है। याचिकाकर्ता का स्थानांतरण दिनांक 4-10-2022 को जबलपुर से सिवनी कर दिया गया। इस तबादले को निरस्त करने के लिए याचिकाकर्ता ने एक अभ्यावेदन विभाग को प्रस्तुत किया था पर विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की। जिसके विरुद्ध याचिकाकर्ता ने माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष याचिका दायर की थी।
याचिका में प्रमुख रूप से यह बताया गया कि याचिकाकर्ता का स्थानांतरण नियम विरुद्ध तरीके से किया गया है। याचिकाकर्ता की पुत्री CBSE स्कूल जबलपुर में अध्ययनरत है एवं याचिकाकर्ता और उसके पति के बीच में 13b हिंदू विवाह अधिनियम के अंतर्गत प्रकरण विचाराधीन है तथा आवेदिका के पिता वृद्ध हैं। ऐसी स्थिति में आवेदक का स्थानांतरण निरस्त किया जाए।
माननीय न्यायालय ने प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए अन आवेदक क्रमांक 2 उप सचिव श्रम मंत्रालय को यह आदेशित किया है कि याचिकाकर्ता के द्वारा प्रस्तुत अभ्यावेदन का निराकरण 40 दिन के अंदर करें एवं उक्त अवधि में याचिकाकर्ता अपने पुराने कार्यस्थल जबलपुर में कार्य करती रहेगी, ऐसा आदेश पारित किया है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता सत्येंद्र ज्योतिषी सौरव सोनी ने पैरवी की।