कटनी। मध्य प्रदेश के कटनी जिले में अस्पताल के दिव्यांग एवं पुनर्वास केंद्र में पदस्थ कर्मचारी ने दिव्यांग से प्रमाण पत्र जारी करने के बदले में 10 हजार रुपए की मांग की थी। मामले की शिकायत लोकायुक्त जबलपुर को की गई थी। लोकायुक्त की टीम ने शुक्रवार को जिला अस्पताल में कार्रवाई करते हुए कर्मचारी को 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा।
देवगांव निवासी युवक कश्यप तिवारी के भाई दिव्यांग हैं और उन्होंने विकलांग बोर्ड में प्रमाण पत्र रिन्यू कराने आवेदन दिया था। चिकित्सकों की टीम ने जांच के बाद जिला दिव्यांग एवं पुनर्वास केंद्र को प्रमाण पत्र जारी करने आवेदन भेज दिया था, लेकिन केंद्र में ईएमटी के रूप में पदस्थ शशिकांत तिवारी, शरद सोनी व एक अन्य दिव्यांग को पिछले 15 दिनों से भटका रहे थे।
प्रमाण पत्र देने के एवज में उससे 10 हजार रुपए की मांग की जा रही थी। परेशान होकर पीड़ित ने लोकायुक्त जबलपुर को मामले की शिकायत की। शिकायत की पुष्टि के बाद शुक्रवार को लोकायुक्त की 6 सदस्यीय टीम निरीक्षक स्वप्निल दास के नेतृत्व में जिला अस्पताल पहुंची। लोकायुक्त पुलिस के दिए 10 हजार रुपए के नोट कश्यप ने ईएमटी तिवारी को पकड़ाए टीम ने उसे रिश्वत लेते रंगे हाथ धर लिया।