जबलपुर। अस्पताल में पूरे 25 दिन तक जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष चलता रहा, लेकिन आज मौत में बिल्डर राजू वर्मा को उनके परिवार से छीन लिया। राजू ने 1 अक्टूबर को अपनी गर्दन में गोली मारी थी। एक सुसाइड नोट भी लिखा था। उल्लेखनीय है कि राजू वर्मा जबलपुर में अनेक कॉलेजों के मालिक थे।
सिविल लाइंस थाना पुलिस ने बताया था कि 1 अक्टूबर को राजू वर्मा रोज की तरह सुबह सोकर उठे और करीब 8:30 बजे अपनी लाइसेंसी पिस्टल से गर्दन में गोली मार ली थी। राजू की पत्नी दूसरे कमरे में थी। गोली की आवाज सुनते ही पत्नी और बेटी कृतिका दौड़कर कमरे के अंदर पहुंची। वहां राजू खून से लथपथ पड़े थे। गले से खून की धार बह रही थी। पास ही लाइसेंसी पिस्टल भी पड़ी थी।
राजू को निजी अस्पताल ले जाया गया। तब से लेकर दीपावली तक पूरे 25 दिन राजू वर्मा जिंदगी के लिए मौत से संघर्ष करते रहे। पुलिस सूत्रों का कहना है कि बिल्डर राजू वर्मा के पास से एक सुसाइड नोट भी मिला है। अब तक पुलिस ने सुसाइड नोट डिस्क्लोज नहीं किया था। अब उनके निधन के बाद पुलिस सुसाइड नोट के आधार पर अपनी इन्वेस्टिगेशन आगे बढ़ाएगी।