जबलपुर। प्राचीन शहर जबलपुर में कारखानों और वाहनों की संख्या कम थी जबकि कई चौराहों पर फव्वारे लगे हुए थे। नेताओं को यह पसंद नहीं आया। उन्होंने चौराहों पर फव्वारे हटाकर मूर्तियां लगा दी। अब जब प्रदूषण बढ़ने लगा है और सुप्रीम कोर्ट सख्त आदेश जारी करने लगा है तब एक बार फिर जबलपुर शहर में चौराहों पर फव्वारे लगाए जाएंगे।
जबलपुर के नेताओं और नगर निगम को समझ में आ गया है कि फव्वारे सिर्फ चौराहों की खूबसूरती के लिए नहीं लगते हैं, बल्कि इससे वायु प्रदूषण भी नियंत्रित होता है। यदि पहले समझ में आ जाता तो तीन पत्ती चौक और छोटे फुहारे, तू जबलपुर की पहचान हुआ करते थे, नष्ट नहीं होते। अब प्रदूषण वाले चिन्हित चौक पर फव्वारे लगाने की योजना बनाई गई है। 50 लाख रुपये की लागत से यह फव्वारे लगाए जाएंगे।
100 से ज्यादा वायु गुणवत्ता सूचकांक
शहर में वायु प्रदूषण का स्तर 100 से अधिक बना हुआ है। 100 के भीतर सामान्य स्थिति होती है लेकिन लगातार निर्माण, खुदी सड़क और वाहनों के प्रदूषण से हवा प्रदूषित हो रही है। ऐसे में केंद्रीय स्तर पर प्रदूषण को नियंत्रण में लाने के लिए एक्शन प्लान बनाया गया है।
संभागायुक्त बी चंद्रशेखर की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है इसमें मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, स्मार्ट सिटी, यातायात विभाग, पुलिस विभाग, लोक निर्माण विभाग एवं अन्य विभाग के प्रमुख को रखा गया है। बैठक में पहले ही नगर निगम को शहर में बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए जिम्मेदारी दी गई है। इसमें चौराहों पर फव्वारे लगाने की योजना भी तय की गई है।
नगर निगम के यंत्री कमलेश श्रीवास्तव ने बताया कि मालगोदाम चौक्, इलाहाबाद चौक, विजय नगर और मेडिकल तिराहे में फव्वारे लगाए जाने है। यदि जरूरत हुई तो कुछ पाइंट में बदलाव होगा। उन्होंने कहा कि प्रदूषण को कम करने में फव्वारे से मदद मिलेगी। वाहनों की आवाजाही से पीएम-10 को पानी के फव्वारे से हवा में उड़ने से रोकेगा। इससे आसपास की हवा साफ रहेगी। मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आलोक जैन ने कहा कि नगर निगम को प्रदूषण कम करने के लिए कई तरह के उपाए बताए गए है ताकि शहर की हवा को बेहतर किया जा सके।