जबलपुर। कलेक्टर के तहसील ऑफिस में लोकायुक्त पुलिस की छापामार कार्रवाई हुई है। खबर आ रही है कि यहां से एक क्लर्क को गिरफ्तार किया गया है। तहसील कार्यालय में खुलेआम रिश्वतखोरी हो रही थी।
प्राथमिक जानकारी मिली है कि विकास दुबे ने लोकायुक्त पुलिस से शिकायत की थी। उन्हें उनके हिस्से का मुआवजा देने के बदले में जबलपुर तहसील ऑफिस के लिपिक सहायक ग्रेड-2 इंद्रजीत भूरिया द्वारा ₹5000 रिश्वत की मांग की गई थी। उन्हें बताया गया था कि रिश्वत मिलने के बाद हिसाब सिग्नेचर करेंगे।
लोकायुक्त पुलिस की नियमानुसार पुष्टि प्रक्रिया में शिकायत सही पाई गई। फिर प्लान बना कर शिकायतकर्ता को केमिकल युक्त ₹5000 देकर रिश्वत अदा करने के लिए भेजा गया। जैसे ही बाबू इंद्रजीत भूरिया ने रिश्वत के पैसे प्राप्त किए, लोकायुक्त पुलिस ने तहसील कार्यालय में छापामार कार्रवाई कर दी।
लोकायुक्त डीएसपी दिलीप झरबड़े ने बताया कि शिकायतकर्ता विकास पिता कृष्ण कुमार दुबे का प्रकरण ग्राम घाना के खसरा नंबर 4/2 में चल रहा है, जिसमें चार दुकानें पक्की हैं। उनका अधिग्रहण शासन ने किया था। अधिग्रहण के एवज में आवेदक को 19 लाख 4 हजार रुपए स्वीकृत हुए थे। उसी राशि को निकालने के लिए भूरिया रुपए की मांग कर रहे थे। कई मर्तबा शिकायतकर्ता तहसील कार्यालय के चक्कर भी लगा चुके थे, पर उन्हें मुआवजा राशि नहीं दी जा रही थी।