इंदौर। मां शीतला संस्कृत पाठशाला खंडवा के आचार्य अंकित मार्कंडेय का कहना है कि शरद पूर्णिमा 2022 में विशेष योग बन रहा है। इसे लक्ष्मीनारायण योग कहते हैं। ऐसे अवसर पर खरीदारी करना शुभ एवं मंगलकारी माना जाता है।
भारतवर्ष में पंचांग के अनुसार आश्विन मास की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा उत्सव मनाया जाता है। यह चंद्रमा का उत्सव है। आचार्य अंकित मार्कंडेय ने बताया-पूर्णिमा तिथि 9 अक्टूबर को सुबह 3 बजकर 41 मिनट से प्रारंभ होगी। ये तिथि अगले दिन दस अक्टूबर 2022 को सुबह 2 बजकर 25 मिनट पर समाप्त होगी। शरद पूर्णिमा रविवार को सर्वार्थ सिद्धि योग में मनाई जाएगी।
इस साल शरद पूर्णिमा का पर्व त्रिग्रही योग में
इस साल शरद पूर्णिमा का पर्व त्रिग्रही योग में मनाया जाएगा। क्योंकि उस समय कन्या राशि में सूर्य, बुध और शुक्र की युति बनेगी। सूर्य-बुध की युति से बुधादित्य और बुध-शुक्र की युति से लक्ष्मीनारायण योग इस समय रहेगा। ये दोनों ही अति शुभ योग हैं। इन्हें राज योग भी कहा जाता है।
शरद पूर्णिमा को किन चीजों की खरीदारी करें
इस समय शनि और गुरु अपनी-अपनी राशि में वक्री अवस्था में रहेंगे। इस शुभ संयोग लक्ष्मीनारायण योग में भूमि, भवन, वाहन, वस्त्र इलेक्ट्रानिक आइटम व ज्वेलरी आदि की खरीदारी करना शुभ व समृद्धिकारक रहेगा। शहर में इस दिन विभिन्न् धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे।
पौराणिक परंपरा के अनुसार शरद पूर्णिमा की रात्रि में खीर, दूध को रात्रि में छत पर रखा जाता है। जिससे चंद्रमा की अमृतमयी किरणें उसमें पड़े उसके बाद घर के सभी सदस्य इस अमृत प्रसाद को ग्रहण करते है। कई मंदिरों में भी इसका प्रसाद बांटा जाता है।