हमने आपको बताया था कि भारतीय संविधान का अनुच्छेद 14 नागरिकों को समानता का अधिकार के अधिकार को परिभाषित करता है, अर्थात राज्य समान कार्य करने वाले कर्मचारियों एवं समान पद पर कार्य करने वाले कर्मचारियों को समान वेतन देगा एवं यह अधिकार भारतीय नागरिकों का मौलिक अधिकार है। सवाल यह है कि क्या कोई दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी, नियमित कर्मचारी के समान वेतन के लिए दावा कर सकता है जानिए सुप्रीम कोर्ट का महत्वपूर्ण जजमेंट।
राजेश प्रविनचंद्र राजुगुरु बनाम गुजरात वाटर एण्ड सीवरेज बोर्ड एवं राधाकृष्ण अयप्पन इझुआ बनाम गुजरात वाटर सप्लाई एण्ड सीवरेज वर्ष 2021:-
उक्त मामलों में उच्चतम न्यायालय द्वारा अभिनिर्धारित किया गया कि भारतीय संविधान का अनुच्छेद 14 सकारात्मक समानता को मान्यता प्रदान करता है न कि नकारात्मक समानता को।
इसलिए दैनिक वेतन भोगी ऐसे कर्मचारी जो राज्य के किसी विभाग या तंत्र जैसे कि नगर निगम, नगर पालिका ,परिषद आदि में कार्य कर रहे हैं, राज्य के स्थायी कर्मचारियों के समान वेतन या परिलाभ का दावा नहीं कर सकते हैं एवं न ही ऐसे कर्मचारी राज्य के कर्मचारियों के साथ समानता का दावा कर सकते हैं। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665
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