भोपाल। मध्य प्रदेश पंचायत सचिव संगठन ने शिवराज सिंह चौहान सरकार से मांग की है कि इस वर्ष दीवाली के पूर्व पंचायत सचिवों की अनेक वर्षों से लम्बित पड़ी मांगो एवम समस्यायों के निराकरण सहानुभूति पूर्वक करे।
प्रदेश में सिर्फ पंचायत सचिव ही ऐसा संवर्ग है, जिसे सातवें वेतनमान से वंचित करके रखा गया है, पंचायत सचिव ही ऐसा संवर्ग है जिसका विभाग में संविलियन नही हुआ है, यानी जो पंचायत सचिव जमीन स्तर पर ग्रामीण विकास विभाग के हर योजना का संचालन करता है आज तक वो विभाग का अंग नही माना जाता है। पंचायत सचिव ही एकमात्र ऐसा संवर्ग है जो आज रिटायरमेंट पर खाली हाथ जाता है, मेडिकल क्लेम नही मिलता है, पंचायत सचिव ही एक मात्र ऐसा संवर्ग है, जिसने अपना पूरा जीवन सेवा में बिता दिया लेकिन उसे ना पदोन्नति, और ना समयमान वेतनमान का लाभ दिया जा रहा है, सेवाकाल की गड़ना नियुक्ति दिनांक से नही किया जा रहा है।
अनुकंपा नियुक्ति के सैकड़ों प्रकरण नियमों में उलझे पड़े है, दिवगंत पंचायत सचिवो के परिजन दर दर की ठोकरें खाने मजबूर है, सरकार प्रत्येक दिवंगत पंचायत सचिव के परिजन को अनुकंपा नियुक्ति की स्पस्ट नीति बनाये।
प्रदेश के पंचायत सचिवों ने कोरोना जैसी आपदा में जब पूरे देश मे लॉकडाउन लगा था, सभी अपने घरों के भीतर थे तब घर से निकलकर सरकार का साथ दिया, हर वर्ग के कल्याण में कोई कसर नही छोड़ी, आगे भी हम सरकार की हर योजना, हर अभियान को सफल बनाने में कसर नही छोड़ेंगे, पर अब सरकार से अनुरोध करते हैं, दीवाली के पूर्व प्रदेश की पंचायत सचिवों की सुध ले, हमारी जायज मांगों पर निर्णय करें।