भोपाल। स्वच्छता के बाद अब मध्यप्रदेश अगले स्टेप पर आ गया है। मध्यप्रदेश को क्लाइमेट फ्रेंडली बनाने के लिए 16 बड़े शहरों में ग्रीन सिटी इंडेक्स शुरू किया जा रहा है। अब ऑक्सीजन के दुश्मनों को चिन्हित किया जाएगा। फिर एक अभियान चलाकर ऑक्सीजन के दुश्मनों का सफाया किया जाएगा।
मप्र देश का ऐसा पहला राज्य है, जिसने शहरों में वायु प्रदूषण के स्थाई समाधान और पर्यावरण सुधार के लिए ग्रीन सिटी इंडेक्स (हरित सूचकांक) की शुरुआत की है। मंगलवार को गोवर्धन पूजा के अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ग्रीन सिटी इंडेक्स के पैरामीटर लॉन्च कर दिए।ग्रीन सिटी इंडेक्स (जीसीई) 100 अंकों का होगा, जिसमें सर्वाधिक अंक सिटी पार्क और वामयु गुणवत्ता (एक्यूआई) की बेहतरी के लिए मिलेंगे। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर समेत प्रदेश के सभी 16 नगर निगमों में लागू किया गया है।
अगले वर्ष से इसे नगर पालिकाओं के लिए भी लागू किया जाएगा। नगर निगमों के लिए बेस ईयर 31 मार्च 2022 की स्थिति में तय किया गया है, इसलिए 31 मार्च 2023 की स्थिति में अप्रैल महीने में पहला ग्रीन सिटी इंडेक्स रैंकिंग जारी की जाएगी।
इस रैंकिंग के पर्यावरण संबंधी पांच विभागों के कामों का मूल्यांकन होगा। इसमें नगरीय निकाय, वन विभाग, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, ऊर्जा विकास निगम और परिवहन विभाग को हर तीन माह में अपनी प्रोग्रेस रिपोर्ट नगरीय प्रशासन और पर्यावरण विभाग के साथ साझा करनी होगी।
पर्यावरण समन्वय संगठन (एप्को) और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड संयुक्त रूप से सभी विभागों की प्रोग्रेस रिपोर्ट का सत्यापन करेंगे। इसके बाद वित्त वर्ष की समाप्ति के बाद हर साल अप्रैल माह में ग्रीन सिटी रैंकिंग जारी की जाएगी।
ग्रीन सिटी इंडेक्स के लिए नगरीय विकास विभाग ने एक पोर्टल तैयार किया है, जिस पर सभी 16 नगर निगमों से एकत्रित कराए गए डेटा का कलेक्शन किया जा रहा है। इस पोर्टल को अभी पब्लिक डोमेन में लॉन्च नहीं किया गया है। सिर्फ संबंधित विभाग ही इस पोर्टल पर अपना डेटा फीडिंग और मॉनिटरिंग कर सकते हैं।
इस प्रोजेक्ट के प्रभारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सीनियर साइंटिस्ट अभय सक्सेना के मुताबिक जीसीआई के लिए पहली तिमाही की रिपोर्ट जून में और दूसरी तिमाही की रिपोर्ट सितंबर में तैयार की जा चुकी है, इनका सत्यापन भी किया जा चुका है।