भोपाल। मध्यप्रदेश के सतना जिले के नागौद विकासखंड की ग्राम पंचायत रहिकवारा में 8 पीएम आवास चोरी हो गए। कागजों उनका निर्माण हुआ था परंतु मोके पर दिखाई नहीं दे रहे हैं। जांच में पता चला कि भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष के सरपंच भाई, पीसीओ और जीआरएस ने मिलकर पीएम आवास चुरा लिए हैं। इसलिए उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
ग्राम पंचायत रहिकवारा में पीएम आवास की राशि हितग्राहियों के नाम पर जारी कराकर गबन कर लेने और कागजों में आवास दिखा देने के मामले में प्रशासन एक्शन मोड में है। इस मामले में बुधवार की रात नागौद थाना में तत्कालीन सरपंच बलवेंद्र प्रताप सिंह पिता आदित्य प्रताप सिंह, पंचायत समन्वयक अधिकारी राजेश्वर कुजूर पिता टी कुजूर और वर्तमान रोजगार सहायक बृजकिशोर कुशवाहा पिता नत्थूलाल कुशवाहा के खिलाफ आईपीसी की धारा 409, 420 और 34 के तहत पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है।
8 हितग्राहियों के नाम पर निकलवाई राशि
खंड पंचायत अधिकारी नागौद विजयेंद्र प्रताप सिंह ने पुलिस के समक्ष आवेदन दिया था। उन्होंने बताया कि तत्कालीन सरपंच समेत तीनों ने मिलकर ग्राम पंचायत रहिकवारा के 8 हितग्राहियों के नाम पर पीएम आवास की राशि निकाल ली है। पात्रता सूची में दर्ज हितग्राहियों के नाम का इस्तेमाल कर तीनों ने उनके पीएम आवास की स्वीकृति कराई और फिर किसी अन्य के बैंक खाते में डलवाकर राशि का गबन कर लिया।
61 आवासों का भौतिक रूप से अस्तित्व ही नहीं
पीएम आवासों की यह चोरी वर्ष 2015-16 से जुलाई 2022 की अवधि के बीच की गई। इस दौरान रहिकवारा पंचायत में 653 पीएम आवास स्वीकृत किए गए, जिनमे से 496 आवास पूर्ण बताए गए। इन्ही आवासों में से 61 आवासों का भौतिक रूप से अस्तित्व ही न होने की जांच के पहले ही चरण में 8 हितग्राहियों की राशि हजम करने की शिकायत सही पाई गई।
इनके आवास की हुई चोरी
जिनके आवास चोरी होने के मामले में एफआईआर हुई है उनमें कमलेश चौधरी, बबलू वर्मा, दिलासा वर्मा, लालमनी चौधरी, परमलाल, संतोष बढई, ममता तोमर और रामलली पाला शामिल हैं। रहिकवारा में पीएम आवास घोटाले को अंजाम देने वालों में शामिल पूर्व सरपंच बलवेंद्र प्रताप सिंह पिता आदित्य प्रताप सिंह निवासी रहिकवारा के भाई सुरेंद्र सिंह बघेल भाजपा के जिलाध्यक्ष रह चुके हैं। सुरेंद्र लगातार 2 बार भाजपा के जिलाध्यक्ष रहे और बलवेंद्र भी 2 कार्यकाल सरपंच रहे।
कलेक्टर से की थी शिकायत
रहिकवारा में पीएम आवास चोरी होने का ये सनसनीखेज मामला कलेक्टर के संज्ञान में जनसुनवाई के दौरान आया था। हितग्राहियों ने बताया था कि पात्रता सूची में नाम होने के बावजूद उनके पास आवास नही है जबकि उनके नाम से राशि जारी हुई है। राज्य स्तरीय गृह प्रवेशं कार्यक्रम के पूर्व सामने आए इस मामले में सीईओ जिला पंचायत डॉ परीक्षित राव झाड़े ने जांच शुरु कराई तो पहले ही चरण में 8 हितग्राहियों के पीएम आवास गायब मिले।
FIR कराने के बाद ही लौटे सीईओ
रहिकवारा के 8 पीएम आवास हितग्राहियों के आवास गायब होने के मामले में दोषियों पर एफआईआर कराने जिला पंचायत सीईओ डॉ परीक्षित राव बुधवार की रात नागौद पहुंचे। वे जनपद पंचायत कार्यालय में देर रात तक मौजूद रहे। एफआईआर दर्ज होने के बाद ही लौटे। सीईओ डॉ परीक्षित ने बताया कि रहिकवारा के सभी 653 पूर्ण-अपूर्ण आवासों की जांच की जा रही है। जांच के लिए 10 टीमें लगाई गई हैं। यहां 61 आवास गायब होने की शिकायत मिली है। शुरुआती जांच में 8 आवासों का निर्माण किए बगैर राशि आहरण कर लिए जाने की शिकायत की पुष्टि हुई है, लिहाजा तत्कालीन सरपंच के साथ साथ जीआरएस तथा पीसीओ के खिलाफ 9 लाख 60 हजार रुपए के गबन के आरोप में एफआईआर दर्ज कराई गई है। जांच अभी जारी है।