जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सूचना आयोग के उस आदेश को स्थगित कर दिया है जिसमें आयोग ने सतना जिले के मैहर में स्थित मां शारदा देवी मंदिर की प्रबंध समिति को सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत सूचनाएं देने के लिए वादा किया था।
क्या मंदिरों की प्रबंध समिति आरटीआई की राय में आती है
याचिकाकर्ता मां शारदा देवी मंदिर की प्रबंध समिति के कार्यालय अधीक्षक नंद किशोर पटेल की ओर से अधिवक्ता पुष्पेंद्र यादव ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि किसी ने मंदिर के संबंध में सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत सूचना मांगी थी। सूचना आयोग ने 25 अप्रैल, 2022 को एक आदेश जारी किया था, जिसमें यह निर्धारित किया था कि मंदिर की प्रबंध समिति सार्वजनिक है और यह आरटीआइ के दायरे में आती है।
उच्च न्यायालय में प्रस्तुत की गई याचिका में मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयोग के उक्त आदेश को चुनौती दी गई है। बताया गया कि पूर्व में आंध्र प्रदेश, केरला और मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने यह निर्धारित किया है कि मंदिर आरटीआइ के दायरे में नहीं आते हैं। याचिका में मांग की गई कि सूचना आयोग का आदेश अवैधानिक है और उसे निरस्त किया जाए।
न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने याचिकाकर्ता की ओर से प्रस्तुत किए गए तर्कों से सहमत होते हुए राज्य सूचना आयोग के आदेश को स्थगित कर दिया है एवं राज्य सूचना आयोग के सचिव को जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं। मामले की अगली सुनवाई 28 अक्टूबर को निर्धारित की गई है।