भोपाल। मध्य प्रदेश पुलिस के सबसे पावरफुल टीआई धनेंद्र सिंह भदौरिया को अंततः सस्पेंड कर दिया गया। यह कितने ताकतवर हैं, इसका अंदाजा आप सिर्फ इस बात से लगा सकते हैं कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आदेश का पालन होने में 24 घंटे का समय लगा।
डिपार्टमेंट में कितने पावरफुल हैं इंस्पेक्टर भदौरिया
इंस्पेक्टर धनेंद्र सिंह भदौरिया की कहानी तो बड़ी लंबी है परंतु ताजा बात यह है कि दतिया से इंदौर ट्रांसफर हुए थे। इंदौर में क्राइम ब्रांच के चीफ बनाए गए थे। गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा के पसंदीदा इंस्पेक्टर बताए जाते हैं। कहा जा रहा है कि पुलिस डिपार्टमेंट में इतने पावरफुल हैं कि एसपी कमिश्नर तो दूर की बात, डीजीपी भी शिकायत प्राप्त होने के बावजूद इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं करते।
दो पुराने किस्से
लगभग 7 साल पहले दतिया जिले में पदस्थ निलंबित टीआई धनेंद्र सिंह भदाैरिया को पुलिस महानिरीक्षक उमेश जोगा ने नौकरी से बर्खास्त कर दिया था। उन पर हत्या के प्रयास के आरोपी भीम यादव (3 हजार का इनामी) से घूस लेने, उसे शरण देने के आरोप थे। दतिया एसपी इरशाद वली द्वारा की गई जांच में यह आरोप सही पाए गए। जांच रिपोर्ट के आधार पर उन्हें बर्खास्त करने का आदेश जारी किया गया है।
लगभग 2 साल पहले लूट के आरोपी टीआई धनेंद्र सिंह भदौरिया और दो आरक्षक विजय कौशल व साहब सिंह दतिया न्यायालय में पेश हुए। कोर्ट ने उन्हें जेल भेज दिया। इसके बाद टीआई द्वारा हाईकोर्ट में जमानत के लिए याचिका लगाई गई थी। हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने टीआई भदौरिया की जमानत याचिका की सुनवाई करते हुए जमानत दे दी। टीआई भदौरिया को जमानत मिलने के बाद दतिया एसपी ने कोतवाली थाना प्रभारी रविंद्र सिंह गुर्जर को लाइन अटैच कर दिया और थाने के कमान धनेंद्र सिंह को सौंप दी।
बिल्डर से लेकर कलेक्टर तक सब ने शिकायत की थी
सीएमओ के सूत्रों का कहना है कि इंदौर के होटल कारोबारी और बिल्डर से लेकर कलेक्टर तक सबने इनकी शिकायत मुख्यमंत्री से की थी। तनाव के स्तर का आकलन कितना अधिक था कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को मध्य प्रदेश की कानून और व्यवस्था की समीक्षा बैठक में इनके बारे में नाराजगी जाहिर करनी पड़ी। पावर देखिए कि, मुख्यमंत्री ने तत्काल कार्रवाई करने के आदेश दिए थे परंतु सस्पेंशन ऑर्डर जारी होने में 24 घंटे का समय लग गया।
नोट करने वाली बात यह है कि इंस्पेक्टर भदौरिया को क्राइम ब्रांच से हटाकर लाइन हाजिर किया गया है। इंदौर से बाहर नहीं किया गया है। वैसे निलंबन इंस्पेक्टर भदौरिया के लिए कोई चिंता की बात नहीं है। डिपार्टमेंट एक बार तो उन्हें बर्खास्त भी कर चुका है।